पंजाब में मतभेद खत्म! नवजोत सिंह सिद्धू बनेंगे प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष, CM बने रहेंगे कैप्टन
नई दिल्ली। पंजाब कांग्रेस लंबे समय चल रही कलह पर खत्म होती नजर आ रही है। मीडिया में चल रही खबरों के अनुसार, पंजाब कांग्रेस में मतभेद खत्म करने का फॉर्मूला ढूंढ लिया गया है। सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह और नवजोत सिंह सिद्धू के बीच सुलह का फॉर्मूला अब तैयार हो गया है। आखिरकार नाराज चल रहे नवजोत सिंह सिद्धू को पार्टी अब प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष बनाने को तैयार हो गई है। वहीं कैप्टन अमरिंदर सिंह पंजाब के मुख्यमंत्री बने रहेंगे। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, यह जानकारी हरीश रावत ने दी है।
दो प्रदेश कार्यकारी भी बनाएंगे
हरीश रावत कांग्रेस आलाकमान की ओर से पंजाब कलह को सुलझाने के लिए बनाई गई सुलह कमेटी के सदस्य हैं। रावत ने बताया कि फॉर्मुला के मुताबिक, दो प्रदेश कार्यकारी भी बनाए जा सकते हैं। इनमें से एक हिंदू सवर्ण समुदाय से होगा और एक दलित समुदाय से बनाने की तैयारी है। इसको लेकर आधिकारिक घोषणा जल्द हो जाएगी।
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अब पंजाब में कोई शिकवा नहीं
हरीश रावत का कहना है कि अमरिंदर और सिद्धू ने यह माना है कि उनका साथ रहना जरूरी है। अब पंजाब में कोई शिकवा नहीं है। हाल में सिद्धू की ओर से किए गए ट्वीट्स को लेकर हरीश रावत ने कहा कि उनका अंदाज-ए-बयां ही कुछ ऐसा है कि तारीफ भी आलोचना लगती है। इसे तो नहीं बदला जा सकता।
कांग्रेस आलाकमान ने बैठक में निकाला समाधान
आपको बता दें कि पंजाब इकाई की कलह पर कांग्रेस आलाकमान ने बुधवार को मीटिंग की थी। इसमें समाधान निकालने की संभावना जता दी गई थी। इस बैठक में कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल, महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा और प्रदेश प्रभारी हरीश रावत ने पंजाब कांग्रेस के मुद्दे पर चर्चा की थी। बताया जाता है कि सिद्धू को पंजाब कांग्रेस का प्रधान बनाने का फैसला दिल्ली में राहुल गांधी की अध्यक्षता में हुई बैठक में ही ले लिया गया था।
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सिद्धू ने की थी आप पार्टी की तारीफ
पिछले दिनों सिद्धू ने ट्विटर के जरिए आम आदमी पार्टी की खूब तारीफ की थी। उनके तारीफों के पुल को देखकर राजनीतिक गलियारों में चर्चा को दौर शुरू हो गया था। कुछ लोग अटकले लगा रहे थे कि सिद्धू कांग्रेस छोड़ने का विचार कर रहे है। वहीं कुछ कह रहे थे कि वे आप पार्टी का दामन थाम सकते है। अब उनको प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष बनाने खबरों के बाद आप पार्टी में शामिल होने की अटकलों पर विराम लग गया है।
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