fbpx

हनुमानगढ़ कलक्टर और उसके अधिनस्थ अधिकारियों को कानून का भय नहीं

श्रीगंगानगर. संगरिया में निमाज़्ण कायज़् के दौरान एक मजदूर की मृत्यु के क्लेम राशि वसूलने के लिए कमज़्कार क्षतिपूतिज़् अधिकारी एवं श्रम न्यायालय में दायर इजराय याचिका में बार बार गलत रिपोटज़् देने पर न्यायालय ने हनुमानगढ़ जिला प्रशासन पर कड़ी टिप्पणी व्यक्त की है। इस याचिका की सुनवाई के दौरान इस न्यायालय ने यहां तक टिप्पणी कर दी कि हनुमानगढ़ कलक्टर और उसके अधीनस्थ अधिकारियों और कमज़्चारियों को कानून का भय नहीं हैं।

वहीं जिला कलक्टर हनुमानगढ़, उसके अधीनस्थ उपखंड अधिकारी संगरिया, तहसीलदार, संगरिया भू अभिलेख निरीक्षक एवं हल्का पटवारी के साथ साथ नगर पालिका संगरिया के अधिशाषी अधिकारी का यह कृत्य आईपीसी की धारा 193,198,199,200, 206,207,217,218,219 के साथ साथ धारा 166-167 के तहत एवं अनूसूचित जाति जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत दंडनीय अपराध की हद तक जाता है।

वहीं ठेकेदार गुरदास सिंह की ओर से उसके आवासीय परिसर के दिखावटी बंटवारनामे का दस्तावेज तैयार करने का कृत्य भी आईपीसी की धारा 421,422,423,424 सपठित धारा 511 के तहत दंडनीय अपराध की हद तक जाता है।

इस कोटज़् ने संबंधित पक्षकार की चल-अचल संपति को कुकज़् कर ब्याज सहित राशि वसूल कर इस न्यायालय के नाम से बैंक डिमांड या ड्राफ्ट भिजवाने का आदेश किया है।
ज्ञात रहे कि संगरिया के राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय के पुराने कमरे और बरामदे तोडऩे का ठेका संगरिया के वाडज़् 9 निवासी गुरदास सिंह ने लिया था।

उसने इस कायज़् को पूरा कराने के लिए चार श्रमिकों को लगाया था। लेकिन 17 अगस्त 2003 को स्कूल की दीवार गिरने से दो श्रमिकों की मृत्यु हो गई जबकि दो घायल हो गए थे।

मृतकों में एक धमज़्पाल था तो दूसरा राजू था। मृतक श्रमिक धमज़्पाल संगरिया क्षेत्र गांव भगतपुरा का रहने वाला था। उसकी मां रजनी देवी और पिता मुखराम की ओर से यहां अधिवक्ता मोहनलाल पूनियां ने ठेकेदार गुरदाससिंह और स्कूल प्रबंधन समिति के खिलाफ क्लेम राशि लेने के लिए कमज़्कार क्षतिपूतिज़् अधिकारी एवं श्रम न्यायालय में याचिका दायर की गई।

इस कोटज़् ने स्कूल को पाटीज़् नहीं माना जबकि ठेकेदार गुरदास सिंह को मृतक धमज़्पाल के परिजनों को 1 लाख 68 हजार रुपए याचिका दायर से अब तक 12 प्रतिशत ब्याज सहित क्लेम राशि चुकाने के आदेश किए। लेकिन यह राशि अब तक नहीं मिली।

अधिवक्ता पूनियां ने बताया कि ठेकेदार गुरदास सिंह से क्लेम राशि वसूली के लिए कुकीज़् वारंट की पालना के तहत हनुमानगढ़ और संगरिया प्रशासन की अलग अलग रिपोटज़् पेश हुई।

संगरिया एसडीएम और नगर पालिका ने ठेकेदार गुरदाससिंह को बेटी के घर रहने तो कभी खुद के घर में रहने की अलग अलग रिपोटज़् पेश की। अधिवक्ता ने सवाल उठाया कि जब मकान कब्जे का था तो बंटवारनामा कैसे हो सकता है। इस पर कोटज़् ने नाराजगी जाहिर करते हुए हनुमानगढ़ कलक्टर से स्पष्टीकरण मांगा है।



Source: Education