Mental Health Tips: क्या आपको भी बिना वजह बहुत डर लगता है, हो सकता है यह फोबिया
Mental Health Tips: नई दिल्ली। डर हर व्यक्ति को होता है। लेकिन जब डर हद से ज्यादा बढ़ जाता है तो यह मानसिक समस्या बन जाता है। डर हमारे शरीर के नर्वस सिस्टम में होने वाले बदलाव के कारण होता है। जो सीधे जाकर मष्तिष्क में असर करता है। आप इसे दिमाग में रासायनिक बदलावों की वजह से व्यवहार में होने वाले परिवर्तन के रूप में समझ सकते हैं। जरुरत से ज्यादा डर को फोबिया का नाम दिया गया है। जो व्यक्ति इससे पीड़ित हैं उनको एक सामान्य व्यक्ति से अधिक डर लगने लगता है और वे डरे-डरे से रहने लगते हैं।
आइए जानते हैं फोबिया होने के कारणों के बारे में
कभी- कभी व्यक्ति के साथ कुछ ऐसा घटित होता है जो उसके मन में हमेशा के लिए डर पैदा कर देता है। किसी भी परिस्थिति की वजह से फोबिया हो सकता है। बच्चों की यदि हम बात करें तो जो बच्चे दिमागी परेशानी या एंग्जायटी डिसऑर्डर से पीड़ित होते हैं, समय के साथ-साथ उनके अंदर फोबिया होने का डर अधिक हो जाता है। जो व्यक्ति बहुत समय से बीमार चल रहे हों उनको भी फोबिया होने की संभावना रहती है। यदि किसी व्यक्ति को ट्रॉमेटिक इंजरी है तो उनमें भी फोबिया के लक्षण देखने को मिल सकते हैं।
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Mental Health Tips: अब जानते हैं फोबिया के लक्षण-
- जरुरत से ज्यादा पसीना आना।
- हर समय चक्कर आते रहना या घबराहट का एहसास होना।
- सीने में दर्द होना या हल्कापन महसूस होना।
- हांथ -पैर में अधिकतर कंपन होते रहना।
- हाई ब्लड प्रेशर रहना और जरूरत से ज्यादा गुस्सा आना।
- सांस लेने में प्रॉब्लम महसूस करना।
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अब जानते हैं फोबिया के प्रकार-
अमेरिकन साईकेट्रिक एसोसिएशन की माने तो फोबिया के प्रकार लगभग 100 से ज्यादा प्रकार पाए गए हैं। हम आज उन फोबिया की बात करेंगे जो अधिकतर लोगों में देखने को मिलता है।
1. सोशल फोबिया- इस फोबिया में लोगों को भीड़ में रहने से, लोगों से मिलने में, उनसे बातचीत करने या अपनी बात रखने में डर लगता है। व्यक्ति अपने आपको खुद तक सीमित कर लेता है। उसे इतना डर लगने लगता है कि वह कमरे में कैद हो कर रह जाता है। उसे लगता है यदि वह अपनी बात रखेगा तो सामने वाला उसकी हंसी उड़ाएगा। सोशल फोबिया से पीड़ित व्यक्ति हीन भावना का शिकार होते चले जाते हैं। सोशल फोबिया को सोशल एंग्जायटी डिसऑर्डर के नाम से भी जाना जाता है।
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2. एगोरोफोबिया- इस फोबिया में व्यक्ति को भीड़-भाड़ से डर लगने लगता है। उसको ज्यादा लोगों में घुटन महसूस होती है। और व्यक्ति कहीं बाहर जाना पसंद नहीं करता।
3. ग्लासोफोबिया- जिन व्यक्तियों में ये फोबिया पाया जाता है वे लोगों,समूहों या ऑडियंस के बीच अपनी बात को सही ढंग से नहीं रख पाते हैं। इस फोबिया में व्यक्ति के हाव- भाव, रंग- रूप भीड़ के जाने बाद बदलते हैं।
4. एक्रोफोबिया- इसमें व्यक्ति को उंचाई से बहुत डर लगता है। इस फोबिया से पीड़ित व्यक्ति जब भी किसी ब्रिज,पहाड़, या ऊंची इमारत में जाता है तो उसे अत्यधिक घबराहट होने लगती है। जिसके कारण उसे लगने लगता वे नीचे गिर सकता है और उसको बहुत पसीना आना सामान्य बात होती है।
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Source: Health