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ऊर्जा मंत्री के क्षेत्र में बिजली गायब, कमिश्नर ने मोबाइल की रोशनी में देखीं फाइलें

गुना। भले ही गुना जिले के प्रभारी मंत्री प्रद्युम्न सिंह प्रदेश के ऊर्जा मंत्री हों, लेकिन उनके प्रभार वाले इस जिले में बिजली की लुकाछिपी कई दिनों से बढ़ती जा रही है। रात के साथ-साथ दिन में भी कई बार बिजली का जाना आम बात हो गई है। ऐसा ही कुछ मामला उस समय गुना तहसील परिसर में देखने को मिला जब ग्वालियर संभाग के कमिश्नर आशीष सक्सेना गुना प्रवास के समय तहसील परिसर में नायब तहसीलदार रामशंकर सिंह की कोर्ट में निरीक्षण करने पहुंचे, उनके प्रवेश करते ही बिजली गुल हो गई। उन्होंने कोर्ट के एक बाबू से राजस्व संबंधी फाइल लेकर चेक की। अंधेरा होने की वजह से उक्त फाइल को पढ़ सकें, इसके लिए वहां तहसीलदार, नायब तहसीलदार अपने मोबाइल की टार्च जलाकर रोशनी दिखाने का काम करते रहे। उन्होंने वहां एक पटवारी से जुर्माना आदि जमा करने की प्रक्रिया के बारे में पूछा। इसके बाद कलेक्टर से कहा कि वे जुर्माना आदि प्रक्रिया को भी ऑन लाइन कराने की व्यवस्था कराएं।
बुधवार को दोपहर के समय कमिश्नर आशीष सक्सेना गुना कलेक्टर फ्रेंक नोबल के साथ तहसील पहुंचे, यहां वे अपर तहसीलदार लीना जैन के चेम्बर में पहुंचे, वहां राजस्व संबंधी फाइलोंं का अवलोकन किया और ऑन लाइन प्रक्रिया के बारे में पूछताछ भी की। उनको पटवारियों ने बताया कि नामांतरण समेत अन्य संबंधी दस्तावेज ऑन लाइन पर लोड करने में परेशानी आती है। इसके अलावा राजस्व संबंधी अन्य मामलों की परेशानियों से अवगत कराया। कमिश्नर ने कहा कि राजस्व संबंधी जो भी दस्तावेज हैं उनको प्राथमिकता के तौर पर और निर्धारित समयावधि में ऑन लाइन अपलोड करें।

डायवर्सन शुल्क की रसीद ही होगी पर्याप्त : सक्सेना
कमिश्नर आशीष सक्सेना ने संवाददाताओं से चर्चा करते हुए कहा कि अब वसूली भी अपलोड होने लगी है। डायवर्सन शुल्क के साथ जो आवेदन आप देंगे, उसकी रसीद जो आपको मिलेगी, उसके बाद डायवर्सन के लिए अलग से आदेश की जरूरत नहीं हैं। ऑन लाइन प्रक्रिया में आने वाली परेशानियों को देखा है, जो कमी है उसको दूर करेंगे। बेव जीआईएस के बारे में पूछा गया तो इसकी वजह से बंटाकन आदि नहीं हो पा रहा है, इस पर उनका कहना था कि जो भी नया सिस्टम बनता है, लागू की जाती है तो उससे परेशानियां तो आती हैं।कोविड काल के समय जो कमियां हैं, उनको दूर करा रहे हैं। बाढ़ से निपटने के लिए व्यापक इंतजाम किए गए हैं। अवैध निर्माण और बगैर अनुमति के हो रहे निर्माण के सवाल पर उनका कहना था कि आपने यह बात बताई है, इसको दिखवाते हैं।

कमिश्नर को नजर नहीं आए बीस करोड़ की कलेक्ट्रेट के उड़ते चीथड़े
ग्वालियर संभाग के कमिश्नर आशीष सक्सेना गुना प्रवास के समय कलेक्ट्रेट पहुंचे, वहां उन्होंने मीटिंग भी ली, एक-दो कार्यालयों को बाहर से देखा, लेकिन उनको कलेक्ट्रेट का डोम जो जर्जर ही नहीं हुआ, उसके चीथड़े तक उड़ गए। डोम के चीथड़ों के जरिए बारिश का पानी कलेक्ट्रेट में भर गया, जिसमें गंदगी तैरती मिली और उसमें लोग गिरते भी दिखाई दिए। इस कलेक्ट्रेट का निर्माण चार साल पूर्व बीस करोड़ रुपए की लागत से हुआ था।डोम के उड़ते चीथड़े चिल्लाकर कह रहे हैं कि इस बिल्डिंग के बनाने में काफी घोटाला हुआ है, लेकिन इस घोटाले का कोई भी अधिकारी जांच कराने को तैयार नहीं हैं। जबकि इस कलेक्ट्रेट बिल्डिंग का लोकार्पण सीएम शिवराज सिहं चौहान व तत्कालीन प्रभारी मंत्री जयभान सिंह पवैया ने सन् 2017 में किया था। इस कलेक्ट्रेट भवन का निर्माण में गुणवत्ता का बिल्कुल ध्यान नहीं रखा गया था। इस बिल्डिंग के कक्ष में पानी टपकता हुआ भी देखा जा सकता है।



Source: Education

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