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Krishna Janmashtami 2021 ISKCON: देशभर के इस्कॉन मंदिरों में जन्माष्टमी की तैयारियां शुरू, वृंदावन का मंदिर है बेहद खास

नई दिल्ली। Krishna Janmashtami 2021 ISKCON. देशभर के कृष्ण मंदिरों में जन्माष्टमी की तैयारियां शुरू हो गई हैं। इसके लिए मंदिरों को भव्य रूप से सजाया जा रहा है। इसके साथ ही भगवान श्रीकृष्ण के प्रसाद की व्यवस्था भी की जा रही है। लेकिन वृंदावन के इस्कॉन मंदिर में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी (Janmashtami 2021) पर विशेष आयोजन होगा। इसके लिए मंदिर प्रशासन ने सभी तैयारियां पूरी कर ली हैं। मंदिर में 22 अगस्त को बलराम जयंती मनाई गई थी।

क्यों खास है वृंदावन का इस्कॉन मंदिर
इस्कॉन (ISKCON) ने वृंदावन में 1975 में इस्कॉन मंदिर की स्थापना की गई थी। इस मंदिर में सबसे ज्यादा श्रद्धालु दर्शन करने आते हैं। मान्यत है कि इस मंदिर में दर्शन से भगवान कृष्ण की कृपा होती है। दरअसल, भगवान श्रीकृष्ण ने बचपन में वृंदावन में बाल लीलीएं कीं। यही वजह है कि इस नगरी में बने मंदिर के प्रति लोगों में खास श्रद्धा है और जन्माष्टमी के मौके पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु दर्शन के लिए यहां आते हैं।

आखिर क्या है इस्कॉन
इस्कॉन का पूरा नाम International Society for Krishna Consciousness है, जिसे हिंदी में अंतरराष्ट्रीय कृष्णभावनामृत संघ या इस्कॉन कहा जाता है। इस मंदिर का पावन भजन ‘हरे रामा हरे रामा कृष्णा’ है, जिसे विदेशी भी गुनगुनाते हैं।

मंदिर की स्थापना का उद्देश्य
भगवान कृष्ण के संदेश को पूरे विश्व में पहुंचाने के लिए स्वामी प्रभुपाद ने इस्कॉन मंदिर की स्थापना की थी। स्वामी प्रभुपाद का जन्म 1896 में कोलकाता में हुआ था, साल 1968 में प्रयोग के तौर पर वर्जीनिया, अमेरिका की पहाड़ियों में नव-वृन्दावन की स्थापना की गई थी। वहीं 14 नवंबर 1977 को प्रसिद्ध धार्मिक नगरी मथुरा के वृन्दावन धाम में उनका निधन हो गया।

गौरतलब है कि दुनिया का पहला इस्कॉन मंदिर भारत में नहीं बल्कि विदेश में बनाया गया था। ये मंदिर अंग्रेजों ने बनवाया था। दुनिया के पहले इस्कॉन मंदिर का निर्माण न्यूयॉर्क में 1966 में हुआ था। इस मंदिर की स्थापना श्रीकृष्णकृपा श्रीमूर्ति श्री अभय चरणारविन्द भक्तिवेदांत स्वामी प्रभुपाद ने की थी।

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अगर वर्तमान में इस्कॉन मंदिरों की बात करें तो विश्वभर में 400 से अधिक मंदिरों का निर्माण हो चुका है। वहीं बैंगलोर में बना हुआ इस्कॉन मंदिर सबसे बड़ा मंदिर माना जाता है। इस मंदिर की स्थापना साल 1997 में की गई थी। बता दें कि इस्कॉन मंदिर का हेडक्वार्टर पश्चिम बंगाल के मायापुर में है, इसकी स्थापना 1972 में की गई थी। नई दिल्ली में साल 1984 में इस्कॉन मंदिर की स्थापना हुई थी जबकि 1978 में मुंबई में इस्कॉन मंदिर की स्थापना की गई थी। जन्माष्टमी 9 Janmashtami 2021) के मौके पर इन इस्कॉन मंदिर में बड़ी संख्या में श्रद्धालु दर्शन के लिए पहुंचते हैं।



Source: National