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Money Laundering Case: जब पेश नहीं हुए महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख तो अदालत पहुंच गई ED

नई दिल्ली। महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख (former Maharashtra Home Minister Anil Deshmukh) के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग मामले (money laundering case) में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने अदालत का दरवाजा खटखटाया है। ईडी का कहना है कि कई बार समन देने के बावजूद भी अनिल देशमुख ईडी के समक्ष पेश नहीं हुए। ऐसे में प्रवर्तन निदेशालय ने मनी लांड्रिग मामले के आरोपित देशमुख के खिलाफ आइपीसी की धारा 174 (सरकारी सेवक के आदेश का पालन नहीं करना) के तहत कार्रवाई की मांग की है। बता दें कि इसके तहत आरोपित को एक महीने का कारावास और 500 रुपए तक का अर्थदंड या दोनों सजाएं सुनाई जा सकती हैं।

देशमुख के दो सहयोगी हो चुके हैं गिरफ्तार

गौरतलब है कि केंद्रीय एजेंसी (ED) ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) नेता देशमुख के खिलाफ मनी लांड्रिंग का मुकदमा दर्ज किया है। उसने देशमुख (Anil Deshmukh) को अपने समक्ष पेश होने के लिए कई बार समन जारी किए, लेकिन वह अब तक उपस्थित नहीं हुए हैं। इस मामले में देशमुख के सहयोगी संजीव पलांडे और कुंदन शिंदे को गिरफ्तार किया जा चुका है। इनके अलावा ईडी ने मुंबई पुलिस के बर्खास्त पुलिस अधिकारी सचिन वाझे के खिलाफ हाल ही में आरोप पत्र दाखिल किया है। हालांकि, आरोप पत्र में देशमुख या उनके परिवार के किसी सदस्य को आरोपित नहीं बनाया गया है।

परमबीर ने देशमुख पर लगाए गंभीर आरोप

बता दें कि केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने 21 अप्रैल को देशमुख और अन्य के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी। यह मुकदमा मुंबई पुलिस के पूर्व आयुक्त परमबीर सिंह द्वारा देशमुख पर लगाए गए भ्रष्टाचार के आरोपों से संबंधित था। इसके बाद ईडी ने भी मामले की जांच शुरू की थी। जानकारी के मुताबिक परमबीर सिंह ने आरोप लगाया था कि राज्य के पूर्व गृह मंत्री देशमुख ने सचिन वाझे को हर महीने मुंबई के होटलों और बार से 100 करोड़ रुपए वसूलने को कहा था।

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परमबीर सिंह के इस बयान के सामने आने के बाद अनिल देखमुख ने इन आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया। हालांकि बाद में विवाद बढ़ता देख उन्हें अप्रैल में अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा। गौरतलब है कि महाराष्ट्र के पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख के मुंबई, नागपुर और पुणे स्थित कई ठिकानों पर शुक्रवार को आयकर विभाग ने छापे मारकर तलाशी ली। देशमुख पहले से सीबीआइ व प्रवर्तन निदेशालय के निशाने पर रहे हैं। फिलहाल मुंबई उच्च न्यायालय के निर्देश पर सीबीआई भ्रष्टाचार के इस मामले की जांच कर रही है।



Source: National