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Chanakya Niti – जीवन में सम्मान है पाना तो आज ही त्यागें इन अवगुणों को

Chanakya Niti – आचार्य चाणक्य को सबसे बड़े विद्वानों में से एक माना जाता है। वह चालाक, कूटनीति और अर्थशास्त्र में अपने कौशल के लिए जाने जाते हैं। उन्होंने अपने जीवन की विषम परिस्थितियों में भी कभी हार नहीं मानी। आचार्य चाणक्य को कौटिल्य और विष्णु गुप्त के नाम से भी जाना जाता है।

चाणक्य ने अपनी चाणक्य नीति में जीवन के विभिन्न पहलुओं और आयामों के बारे में लिखा है जो आज भी लोगों को प्रेरित कर रहा है। चाणक्य नीति में उन्होंने धन, सुधार, दोस्ती, सती, उपलब्धि से जुड़ी कई बातों का जिक्र किया है। चाणक्य ने अपनी इस पुस्तक में कुछ ऐसे अवगुणों के बारे में बताया है जिसे जल्द से जल्द त्याग देने में ही भलाई है अन्यथा जीवन में सम्मान खो सकते हैं।

दूसरों के बारे में बुरा बोलने से बचे:

आचार्य चाणक्य के अनुसार, किसी को भी दूसरों पर दोषारोपण करना छोड़ देना चाहिए। जो कोई दूसरों की निंदा में खुश रहते हैं, और जो पीठ पीछे बुरी बातें कहे, उनसे सदैव दूर रहे। दूसरों के बारे में बुरा बोलने से खुद को रोकें अन्यथा गवाना पद सकता है सम्मान।

ना लें झूठ का सहारा:

आचार्य चाणक्य कहते हैं कि हमेशा सही रास्ते पर कदम रखें। चाहे हम किसी भी रास्ते से गुजरें, हमें कभी भी सच्चाई का रास्ता नहीं छोड़ना चाहिए। कोई भी व्यक्ति जो जीवन में सफल होने के लिए झूठ का गलत रास्ता चुनता है, उसकी उपलब्धि है ज्यादा दिन नहीं टिक पाती। ऐसे व्यक्ति के आचरण का पर्दाफाश होने पर शर्म और अपमान निश्चित है। अतः किसी भी परिस्थिति में झूठा का सहारा नहीं लेना चाहिए।

बातों को बढ़ा-चढ़ा कर न बोलें:

विषय जो भी हो, उसे बढ़ा-चढ़ाकर नहीं बताना चाहिए। जब ऐसे लोगों का पाखंड उनके हाथ से निकल जाता है तो उन्हें लोगों के सामने शर्मिंदगी का सामना करना पड़ता है। किसी भी व्यक्ति को अपनी प्रतिभा और सफलता के बारे में बढ़ा-चढ़ा के नहीं बताना चाहिए। जो लोग सफल होकर भी ज़मीन से जुड़े रहते हैं, उन्हें जीवन में यश और सम्मान की प्राप्ति होती है।



Source: Religion and Spirituality

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