fbpx

सरकारी ग्रांट लेने वाले स्कूल-कॉलेजों का अधिग्रहण कर रही हैं आंध्रप्रदेश सरकार

नई दिल्ली। आंध्र प्रदेश सरकार ने एक बड़ा निर्णय कदम उठाते हुए निर्णय लिया है कि राज्य में सरकारी अनुदानों से चलने वाले सभी प्राइवेट शैक्षणिक संस्थानों को अब सरकारी संस्थान की तरह चलाया जाएगा। प्रदेश सरकार ने नया आदेश जारी करते हुए कहा कि जिन स्कूल अथवा कॉलेजों को 90 प्रतिशत से अधिक सरकारी अनुदान मिल रहा है, वे सभी अब सरकारी संस्थान के रूप में कार्य करेंगे। इस संबंध में स्कूल शिक्षा निदेशक ने संस्थानों को अटैच करने की कार्रवाई आरंभ कर दी है। सरकार के इस कदम का विपक्षी दल विरोध कर रहे हैं जबकि सरकार इसे शिक्षा के स्तर में सुधार के लिए उठाया गया कदम बता रही है।

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार आंध्र प्रदेश सरकार ने ऐसे सभी स्कूल तथा कॉलेजों को तीन विकल्प दिए हैं। ये तीन विकल्प हैं – (पहला) वे सरकारी अनुदान लेना बंद कर दें, (दूसरा) वे अपनी सम्पत्तियां सरकार के हवाले कर दें अथवा (तीसरा) वे संस्थान को पूरी तरह से सरकारी संस्थान के तौर पर चलाएं। जो संस्थान इन तीनों विकल्पों में से किसी को भी नहीं चुनेंगे, उनकी मान्यता खत्म हो जाएगी।

यह भी पढ़ें : NEET PG 2021 Result: नीट पीजी एग्‍जाम रिजल्‍ट जारी, ऐसे करें डाउनलोड

यह हुआ असर
राज्य सरकार की इस घोषणा के बाद बहुत से शैक्षणिक संस्थानों ने अनुदान प्राप्त संस्थान का दर्जा छोड़ दिया है, कुछ ने अपनी परिसंपत्तियां सरकार को सौंपने का निर्णय लिया है। सरकार के सूत्रों के अनुसार लगभग 93 फीसदी डिग्री कॉलेज तथा 84 फीसदी जूनियर कॉलेजों ने अपना ग्रांट इन एड का दर्जा छोड़ते हुए अपना स्टॉफ भी सरकार को सौंप दिया है जबकि न्यूनतम सात डिग्री कॉलेजों ने अपनी परिसम्पत्तियां सरकार को देने का निर्णय लिया है।

यह भी पढ़ें : हाईकोर्ट का विधानसभा स्पीकर को निर्देश, मुकुल रॉय पर अपने फैसले के बारे में 7 अक्टूबर तक करें सूचित

इसलिए उठाया गया यह कदम
आंध्र प्रदेश सरकार के शिक्षा मंत्री अदीमुलापू सुरेश ने कहा है कि सरकार छात्रों पर बिना आर्थिक बोझ डाले उन्हें अच्छी शिक्षा उपलब्ध करवाना चाहती हैं। ऐसे बहुत से संस्थान जो सरकारी सहायता प्राप्त कर रहे थे, परन्तु अच्छी शिक्षा उपलब्ध नहीं करवा पा रहे थे, उन्हें सरकार अपने नियंत्रण में लेकर शिक्षा के स्तर को ऊंचा उठाने का प्रयास करेगी। हालांकि कई लोगों के अनुसार जो स्कूल-कॉलेज सरकार की मंशा पर खरे नहीं उतर पा रहे हैं, उन्हें अनुदान देना बंद कर सकती हैं। परन्तु इस तरह उनका अधिग्रहण करना एक बड़ी चुनौती हो सकती है।



Source: National