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झुंझुनूं में रात को छोड़ गए एक और पैंथर

#panther in jhunjhunu

झुंझुनूं/पचलंगी. जिले के खेतड़ी व उदयपुरवाटी के वन क्षेत्र की आबोहवा पैंथर को रास आ रही है। जिले में दो साल से सरकारी गणना नहीं हुई इसलिए पैैंथर के अधिकृत आंकड़े नहीं है, लेकिन माना जा रहा है कि जिले में इनकी संख्या करीब दस हो गई है। उदयपुरवाटी उपखण्ड के मणकसास खोह मनसा माता की पहाडिय़ों में 10 नवम्बर 2021 की देर रात्रि अजीतगढ़(सीकर) से एक निजी कॉलेज से रेस्क्यू कर लाए पैंथर को छोड़ा गया। पैंथर को सहायक वन संरक्षक सीकर वीरेन्द्र सिंह कृष्णियां , रामअवतार दूधवाल, श्रीमाधोपुर क्षेत्रीय वन अधिकारी देवेंद्र सिंह राठौड़, सहित वन अधिकारी व रेस्क्यू टीम पैंथर को पिंजरे में बंद कर मनसा की पहाडिय़ों में लेकर आई । वहीं उदयपुरवाटी रेंज के वन अधिकारी रणवीर सिंह शेखावत , वनपाल नरेंद्र सिंह, मनसा चौकी पर तैनात वनरक्षक विनोद यादव की मौजूदगी में सुरक्षा के साथ पैंथर को मनसा की पहाडिय़ों में छोड़ा गया। मनसा चौकी पर तैनात वनरक्षक विनोद यादव ने जानकारी देते हुए बताया कि अब मनसा वन क्षेत्र में पैंथर की संख्या 6 हो गई है। इसके अलावा अनेक पैंथर खेतड़ी क्षेत्र में है।

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बढ़ेंगे पर्यटक

जिले में बढ़ते पैंथरों की संख्या से इनके देखने आने वाले पर्यटकों की संख्या भी बढ़ेगी। इसके लिए खेतड़ी में अभयारण्य में कार्य तेजी से चल रहा है।
इधर मनसा माता कंजर्वेशन रिजर्व को लेपर्ड कंजर्वेशन एरिया के रूप में विकसित करने की तैयारी शुरू कर दी गई है । वन्य जीव संरक्षण अधिनियम 1972 के तहत राजस्थान सरकार ने 102.31 वर्ग किमी वन भूमि को वन्य जीवों के लिए संरक्षित किया था। इस के लिए मनसा की पहाडिय़ां, खोह बागोरा, कांकरिया मैन, धनावता, जैतपुरा, भोजगढ़, पौंख, किशोरपुरा सहित वन क्षेत्र इलाके में चार दीवारी बनाकर पेयजल व्यवस्था व अन्य आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध करवाई जाएंगी। इस के लिए वन विभाग राजस्थान सरकार के द्वारा 18 नवंबर 2019 में मिली 10 वर्षीय प्रबंध योजना को स्वीकृति के बाद अपना प्लान तैयार कर रहा है।

इनका कहना है-
मनसा की पहाडिय़ों में अजीतगढ़(सीकर) से नया पैंथर रेस्क्यू कर लाया गया। बाहर से पैंथर आने पर मनसा की पहाडिय़ों में पैंथर की संख्या बढ़ रही है । इससे वन्य जीव संरक्षण के साथ पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा ।
-राजेंद्र सिंह हुड्डा, उप वन संरक्षक जिला झुंझुनूं ।

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यहां भी दिखते हैं पैंथर
खेतड़ी के बीलवा,उसरिया की ढाणी, समदेड़ा तालाब क्षेत्र, पांडेता भैरू मंदिर व अन्य क्षेत्र में पैंथरों ने अपना टैरेटरी क्षेत्र बना लिया है।

वन्य जीव का नाम संख्या 2019
पैंथर) 2
सियार/गिदड़ 999
जरख 41
जंगली बिल्ली 215
मरू बिल्ली 40
जंगली बिल्ली 48
लोमड़ी 304
मरू लोमड़ी 13
भेडिय़ा 29
बिज्जु छोटा 122
बिज्जु बड़ा 54
सांभर 9
चिंकारा 390
(कोरोना के कारण वर्ष 2020 व 21 में वन्यजीव गणना नहीं हुई)



Source: Education