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Indian Railways: रेलवे ने बुजुर्गों से की कमाई, कोरोना काल में 4 करोड़ सीनियर सिटीजन से वसूला पूरा किराया

नई दिल्ली। कोरोना वायरस महामारी ( Coronavirus ) ने कई देशों की अर्थव्यवस्थों को हिला कर रख दिया। संक्रमण की चपेट में आकर लाखों लोगों ने ना सिर्फ अपनी जान गंवाई, बल्कि आर्थिक रूप से भी बड़ी मार झेली।
कोरोना काल में आर्थिक बोझ आम आदमी पर पड़ा, इनमें बुजुर्गों की संख्या भी बड़ी है।

हालांकि देश में कोरोना काल का लेकर बुजुर्गों को कई तरह की सुविधाएं दी गईं, लेकिन बुजुर्गों के प्रति भारतीय रेलवे ( Indian Railways ) का नजरिया कुछ अलग रहा। रेलवे ने सिर्फ कोरोना काल में ही करीब 4 करोड़ बुजुर्गों से पूरा किराया वसूला।

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आरटीआई में हुआ खुलासा
आरटीआई ( RTI ) के जरिए सामने आया है कि कोरोना के दौर में रेलवे ने बुजुर्ग यात्रियों को मिलने वाली छूट को निलंबित कर दिया और करीब चार करोड़ सीनियर सिटीजन से पूरा किराया बसूला।

रियायतों में हुई कटौती
लॉकडाउन के दौरान रेलवे की ओर से यात्रियों को दी जाने वाली रियायतों को निलंबित कर दिया गया। इसमें सबसे बड़ा झटका बुजुर्ग यात्रियों पर पड़ा। बुजुर्ग यात्रियों को मिलने वाली छूट रेलवे ने हटा दी और पूरा किराया वसूला गया।

बता दें कि वरिष्ठ नागरिकों को भारतीय रेलवे में मिलने वाली रियायतों की बात करें तो महिलाओं को 50 फीसदी छूट मिलती है, जबकि पुरुषों को 40 फीसदी रियायत मिलती है।

इसके लिए महिलाओं की न्यूनतम आयु सीमा 58 साल होनी जरूरी है, जबकि पुरुषों के लिए 60 वर्ष की न्यूनतम आयुसीमा निर्धारित है।

ट्रेनों का परिचालन शुरू होने के बाद यात्रियों की संख्या तो बढ़ी लेकिन रेलवे की ओर से रियायतों में जो कटौती की गई वो लगातार जारी है।

दरअसल बुजुर्ग यात्रियों को रियायत उन लोगों के लिए बहुत बड़ी मदद है, जो यात्रा का खर्चा वहन करने में असमर्थ हैं। कई घरों में वरिष्ठ नागरिकों को एक अतिरिक्त के रूप में माना जाता है, उनकी अपनी कोई आय का जरिया नहीं होता है।

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इन रियायतों ने उन्हें इधर-उधर आने जाने में मदद की, लेकिन कोरोना काल में रेलवे के कड़े फैसले इन बुजुर्गों पर किसी सितम से कम नहीं है।

बता दें कि मध्य प्रदेश के रहने वाले चंद्रशेखर गौड़ की ओर से दायर एक आरटीआई के जवाब में रेलवे ने कहा है कि 22 मार्च, 2020 से सितंबर 2021 के बीच 37,850,668 वरिष्ठ नागरिकों ने ट्रेनों में यात्रा की है।



Source: National