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Kashi Vishwanath Temple: कितना बदल गया काशी विश्वनाथ का प्रांगण? यहाँ देखिए इसका नया नक्शा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) आज वर्ष 2014 में किए वादे को पूरा करेंगे और काशी विश्वनाथ कॉरिडोर (Kashi Vishwanath Corridor) का लोकार्पण करेंगे। प्रधानमंत्री के ड्रीम प्रोजेक्ट काशी विश्वनाथ कॉरिडोर के कारण बाबा विश्वनाथ धाम की सूरत ही बदल गई है। अब कोई भी भक्त गंगा (Ganga) किनारे वाराणसी (Varanasi) के घाटों से सीधे बाबा विश्वनाथ आसानी से पहुँच सकता है, जिसे सात तरह के पत्थरों से सजाय गया है। काशी विश्वनाथ का कॉरिडर करीब 5 लाख स्‍कवॉयर फीट में बना है और ये रिकार्ड 21 महीनों में तैयार हुआ है। इसके निर्माण की कुल लागत 900 करोड़ रुपये है।

नया नक्शा देखें:

 



नए काशी विश्वनाथ कॉरिडोर का मैप आप ट्विटर पर शेयर किए गए इस वीडियो में देख सकते हैं जिसमें आर्किटेक्चर टीम का एक सदस्य इसे समझा रहा है।

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  • मैप के अनुसार मुख्य द्वार के पास यात्री सुविधा केंद्र बनाया गया है।
  • दर्शनार्थी यह अपना मोबाइल जमा करके, चेकिंग और हाथ धोने के बाद वो सीधे मंदिर परिसर में एंट्री कर सकते हैं।
  • मंदिर परिसर में चारों दिशाओं में चार मुख्य द्वार बनाए गए हैं। परिसर चुनार के लाल बलुआ पत्थर से बनाया गया है जबकि फर्श को मकराना के सफेद संगमरमर से बनाया गया है।
  • पेड़ पौधे लगाने के लिए भी जगह बनाई गई है।
  • सीधे गंगा घाट से एंट्री चाहते हैं तो उसके लिए भी एक गेट बनाया गया है जहां से सीधे मंदिर परिसर में प्रवेश कर सकते हैं। यहाँ भी यात्री सुविधा केंद्र बनाया गया है।
  • पहले 3-4 किलोमीटर की दूरी तय करने के बाद श्रद्धालु मंदिर परिसर में पहुँच पाते थे जबकि अब सीधे गंगा स्नान कर मंदिर में दर्शन कर सकते हैं।
  • मंदिर में इसके अलावा एक और यात्री सुविधा केंद्र बनाया गया है, कुल मिलाकर मंदिर परिसर में तीन ऐसे केंद्र बनाए गए हैं।
    गेस्ट हाउस, बुक स्टोर, जलपान केंद्र की सुविधा भी मंदिर में की गई है।
  • पाइप लाइन से विश्‍वनाथ मंदिरके गर्भगृह तक गंग धारा की व्यवस्था की गई है
  • कोई भी भक्त गंगा व्‍यू गैलरी से बाबा विश्वनाथ और गंगा की अविरल धारा के दर्शन कर सकता है।
  • मंदिर परिसर में भारत माता की प्रतिमा के अलवाब आदि शंकराचार्य और महारानी अहिल्‍याबाई की भी प्रतिमा लगाई है।
  • शिव वन में भक्त रुद्राक्ष, हरसिंगार, मदार आदि के वृक्ष देख सकेंगे।
  • इस मंदिर को चौक क्षेत्र इतना विशाल है कि वहां 2 लाख श्रद्धालु खड़े होकर जबकि मंदिर चौक में लगभग 50 हजार श्रद्धालु एक समय में एंट्री करके बाबा के दर्शन कर सकते हैं।
  • चुनार के बलुआ पत्थर और मकराना के सफेद संगमरमर के अलावा मंदिर में 5 तरह के पत्थर लगे हैं।
  • इसमें जैसलमेर का मंडाना पत्थर घाट किनारे सीढि़यों पर लगाया गया है। वैदिक केंद्र, संग्रहालय और खास भवनों में ग्रेनाइट और कोटा का इस्तेमाल किया गया है।
  • मंदिर परिसर को भूकंप और भूस्खलन से बचाने के लिए पत्थरों को पीतल की प्लेटों से जोड़ा गया है।
  • पीतल और पत्थरों के बीच की जगह को भरने के लिए केमिकल लेपाक्‍स अल्‍ट्रा फिक्‍स का इस्तेमाल हुआ है।

 

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सुरक्षा व्यवस्था सख्त
लगभग 5.43 करोड़ रुपये की लागत से काशी विश्वनाथ मंदिर (Kashi Vishwanath Mandir) और उसके आसपास हाईटेक सुरक्षा व्‍यवस्‍था की गई है। इस व्यवस्था को इंटीग्रेटेड कमांड कंट्रोल सेंटर द्वारा नियंत्रित किया जाएगा। मंदिर और उसके आसपास चार स्तरीय सुरक्षा के अलावा एयर सर्विलांस की व्यवस्था की गई है।

बता दें कि काशी विश्वनाथ कॉरिडोर के उद्घाटन में 12 ज्योतिर्लिंगों और 51 सिद्धपीठों के पुजारी भी शामिल होंगे। ज्ञात हो कि 352 वर्ष पूर्व रानी अहिल्याबाई ने काशी विश्वनाथ मंदिर का जीर्णोद्धार करवाया था। इसके बाद बाबा विश्वनाथ के मंदिर के शिखर पर महाराजा रणजीत सिंह ने सोने की परत चढ़वाई थी और अब 2021 में मंदिर परिसर का नजारा पूरी तरह से बदल गया है।

वाराणसी में बुनियादी ढांचे के सुधार से भोले की नगरी के साथ-साथ सारनाथ के बौद्ध तीर्थ स्थल के क्षेत्र में पर्यटन को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है।

 



Source: National