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चारधाम यात्रा: अप्रैल में कब खुलेंगे गंगोत्री और यमुनोत्री के कपाट, यहां जानें

उत्तराखंड में गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट श्रद्धालुओं के लिए ‘अक्षय तृतीया’ के पावन अवसर पर 18 अप्रैल को खोले जाएंगे। एक अधिकारी ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। ज्योतिषी और पुजारियों के अनुसार, यमुनोत्री धाम का कपाट वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ अपराह्न् 12.15 मिनट पर खुलेगा, जबकि गंगोत्री धाम का कपाट अपराह्न् 1:15 मिनट पर खोले जाएंगे। मंदिर समिति के सचिव कृतेश्वर उनियाल ने कहा कि यह निर्णय एक बैठक में लिया गया।

बता दें कि शुक्रवार को यमुना जयंती के उत्सव पर्व पर मां यमुना के मायके खरखली में यमुनोत्री मंदिर समिति की बैठक में यह फैसला लिया गया। दरअसल, चारधाम यात्रा के प्रथम धाम यमुनोत्री धाम के कपाट उदघाटन का शुभ मुहूर्त निकाला गया। मंदिर समिति के सचिव कृतेश्वर उनियाल ने बताया कि मां यमुना की डोली शीतकालीन प्रवास खरसाली (खुशीमठ) से सुबह नौ बजे खरसाली से मां यमुना की डोली शनि देव की अगुवाई में सैकड़ों श्रद्धालुओं के साथ यमुनोत्री धाम के लिए प्रस्थान करेंगी, जो दोपहर 11 बजे यमुनोत्री धाम पहुंचेगी।

अक्षय तृतीया के पर्व पर सिद्ध योग व अभिजीत मुहूर्त में वैदिक मंत्रोचारण एवं विधिवत पूजा अर्चना के साथ दोपहर 12:15 बजे पर यमुनोत्री धाम के कपाट श्रद्धालुओं के दर्शनार्थ खोल दिए जाएंगे। गंगोत्री धाम के कपाट भी इसी दिन 1:15 बजे पर श्रद्धालुओं के दर्शन खोलें जाएंगे। इस मौके पर मौजुद पुरुषोत्तम उनियाल, जय प्रकाश, बागेश्वर प्रसाद,यमुनोत्री मंदिर समिति के उपाध्यक्ष जगमोहन, कोषाध्यक्ष श्याम सुंदर, जय प्रकाश, वेद प्रकाश आदि मौजूद थे।

 

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IMAGE CREDIT: yamunoti

यमुनोत्री धाम…
चार धामों में से पहला धाम यमुनोत्री का है। यमुना का उद्गम मात्र एक किमी की दूरी पर है। यहां बंदरपूंछ चोटी (6315 मी) के पश्चिमी अंत में फैले यमुनोत्री ग्लेशियर को देखना अत्यंत रोमांचक है। गढ़वाल हिमालय की पश्चिम दिशा में उत्तरकाशी जिले में स्थित यमुनोत्री चार धाम यात्रा का पहला पड़ाव है। यमुना पावन नदी का स्रोत कालिंदी पर्वत है। तीर्थ स्थल से एक किमी दूर यह स्थल 4421 मी. ऊंचाई पर स्थित है। दुर्गम चढ़ाई होने के कारण श्रद्धालू इस उद्गम स्थल को देखने से वंचित रह जाते हैं। यमुनोत्री का मुख्य मंदिर यमुना देवी को समर्पित है। पानी के मुख्य स्रोतों में से एक सूर्यकुंड है, जो गरम पानी का स्रोत है।

गंगोत्री धाम…
गंगोत्री से 19 किलोमीटर दूर3,892 मीटर की ऊंचाई पर स्थित गौमुख गंगोत्री ग्लेशियर का मुहाना तथा भागीरथी नदी का उद्गम स्थल है। कहते हैं कि यहां के बर्फिले पानी में स्नान करने से सभी पाप धुल जाते हैं। गंगोत्री से यहां तक की दूरी पैदल या फिर टट्टुओं पर सवार होकर पूरी की जाती है। चढ़ाई उतनी कठिन नहीं है तथा कई लोग उसी दिन वापस भी आ जाते है। गंगोत्री में कुली एवं टट्टु उपलब्ध होते हैं। प्रत्येक वर्ष मई से अक्टूबर के महीनों के बीच पतित पावनी गंगा मैया के दर्शन करने के लिए लाखों श्रद्धालु तीर्थयात्री यहां आते है। यमुनोत्री की ही तरह गंगोत्री का पतित पावन मंदिर भी अक्षय तृतीया के पावन पर्व पर खुलता है और दीपावली के दिन मंदिर के कपाट बंद होते है।



Source: Travel