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किसान संघर्ष संगठन का गंभीर आरोप : दिग्विजय सिंह और जयवर्धन सिंह के संरक्षण में 125 करोड़ का भ्रष्टाचार !

गुना। जिले के राघौगढ़ स्थित नारायणपुरा शक्कर कारखाने को लेकर एक बार फिर राजनीति शुरू हो गई है। किसान संघर्ष संगठन ने एक बार फिर मोर्चा खोलकर जहां एक ओर शक्कर कारखाने को खोलने की मांग मप्र सरकार से की है, वहीं दूसरी ओर राज्यसभा सदस्य दिग्विजय सिंह और पूर्व मंत्री जयवर्धन सिंह पर संगठन के संयोजक अनिमेष भार्गव ने आरोप लगाते हुए कहा है कि इन दोनों के संरक्षण में 125 करोड़ रुपए का भ्रष्टाचार हुआ है, जिसमें बैंक से लिए गए कर्ज, किसानों के गन्ने की राशि एवं कर्मचारियों को वेतन के भुगतान की राशि शामिल है।
भार्गव ने संवाददाताओं से चर्चा करते हुए कहा कि राघौगढ़ में स्थित नारायणपुरा शक्कर कारखाने की स्थापना सन् 2000 में तत्कालीन मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के शासनकाल में हुई थी, उस समय बनाई गई समिति द्वारा किया जा रहा था। कृषक संगठन ने आरोप लगाते हुए कहा कि लगातार कांग्रेस समर्पित समिति द्वारा कारखाने का संचालन किया गया और बार-बार नुकसान के नाम पर कारखाने की राशि का दुरुपयोग करते हुए कारखाने को बंद करने की स्थिति में ला दिया। बैंकों से लगातार कर्ज दिया गया और कभी भी चुकाया नहीं गया। अंंतत: वह स्थिति आई कि बैंक ने कर्ज वापिसी न होने की स्थिति में उत्पादन पर रोक लगाकर अदालत में वसूली हेतु केस दर्ज करा दिया।
उनका कहना था कि कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में इस कारखाने को बेचने तक की योजना बन गई थी जिसको रुकवाने का केन्द्रीय कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर के जरिए कराया था। उन्होंने प्रदेश सरकार व सहकारिता मंत्री अरविन्द भदौरिया से मांग की है कि बंद पड़े कारखाने को तुरन्त प्रभाव से चालू किया जाए। चूंकि सालों से कारखाना अनावश्यक नुकसान में चल रहा हे वर्तमान समिति व बोर्ड को भंग कर कारखाने को शासन अपने अधीन कर त्वरित रूप से चालू करे। शासन द्वारा किसानों को शासकीय दर पर गन्ना खरीदी सुनिश्चित की जाए। धोखाधड़ी करने वाली समिति के विरुद्ध एफआईआर दर्ज की जाए। जिससे यहां के किसानों को बकाया राशि का भुगतान मिल सके और लोगों को रोजगार मिल सके। चर्चा के समय भार्गव के साथ किसान नेता मदनलाल यादव और बृजेश कुमार धाकड़ भी मौजूद थे।
स्मरण रहे कि इस समिति के अध्यक्ष पूर्व में दिग्विजय सिंह के नजदीकी व वर्तमान में भाजपा नेता हीरेन्द्र सिंह बंटी बना भी रह चुके हैं।



Source: Education