कृषि प्रधान देश को कृषक प्रधान बनाएं-डॉ. परोदा
अजमेर. भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के पूर्व महानिदेशक डॉ राजेन्द्र सिंह परोदा ने उन्नत कृषि तकनीक अपनाने के लिए कृषि विज्ञान केंद्रों पर प्रशिक्षण एवं वैज्ञानिकों से जानकारी प्राप्त करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि हमारा देश कृषि प्रधान है जिसे कृषक प्रधान बनाए जाने की जरूरत है।
कृषि विज्ञान केंद्र तबीजी पर शनिवार को आत्मा परियोजना के तहत किसान मेला तथा संगोष्ठी में बतौर मुख्य अतिथि डॉ. परोदा ने किसानों से जैविक खेती अपनाने को कहा। श्री कर्ण नरेंद्र कृषि विश्वविद्यालय जोबनेर के कुलपति डॉ जे. एस. संधु ने किसानों को गुणवत्तापूर्ण बीज उत्पादन करने का आह्वान किया। पूर्व कुलपति कृषि विश्वविद्यालय बीकानेर डॉ बी. आर .छीपा ने मृदा जांच कर ही पोषक तत्व प्रबंधन की सलाह दी। जिला कलक्टर अंशदीप ने बताया कि कोविड काल मे कृषि ही थी जिसकी ग्रोथ नियमित रही। उन्होंने अजोला इकाइयों की सराहना करते हुए आत्मा योजनान्तर्गत अजोला को किसानों तक पहुंचाने पर जोर दिया।कृषि से जुड़ें युवा
विशिष्ट अतिथि कृषि प्रसार भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के उप महानिदेशक एवं केंद्रीय कृषि आयुक्त डॉ ए. के. सिंह ने युवाओं को कृषि से जोड़े रखने की आवश्यकता पर जोर देते हुए कौशल एवं दीर्घ अवधि के प्रशिक्षण में भागीदारी बढ़ाने का सुझाव दिया।
इससे पूर्व संयुक्त निदेशक (कृषि) हरजी राम ने उन्नत तकनीक अपनाकर आय बढ़ाने पर जोर दिया। प्रसार निदेशक डॉ सुदेश कुमार ने कृषि विज्ञान केंद्रों की बढ़़ती भूमिका पर प्रकाश डाला। मेले में वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं अध्यक्ष डॉ डी. एस. भाटी, प्रोफेसर डॉ एस. के. शर्मा, डॉ राघवेंद्र पोरवाल ने नर्सरी एवं मशरूम पालन इकाइयों की जानकारी दी।
1300 कृषक हुए शामिलप्रसार वैज्ञानिक डॉ रमाकान्त शर्मा ने बताया कि अजमेर जिले के विभिन्न जगहों से लगभग 1300 किसानों ने भागीदारी निभाई। 30 से अधिक प्रदर्शनी लगाई गई एवं मिट्टी-पानी का नमूनों की जांच भी की गई।
बताई योजनाएंमेले में पशुपालन विशेषज्ञ डॉ रामावतार शर्मा, शस्य वैज्ञानिक डॉ दिनेश अरोड़ा, सहायक निदेशक पी. सी. वर्मा एवं कृषि अनुसंधान अधिकारी डॉ. उपवन गुप्ता ने कृषि एवं पशुपालन संबंधित एवं आत्मा उप निदेशक डॉ. बुद्धि प्रकाश ने योजनाओं की जानकारी दी। मेले में उपनिदेशक कृषि जितेंद्र सिंह शक्तावत, भवानी सिंह ,निदेशक राष्ट्रीय बीजीय मसाला अनुसंधान केंद्र डॉ एस एन सक्सेना,प्राचार्य दयानन्द महाविद्यालय डॉ लक्ष्मीकांत, सहायक निदेशक उद्यान डॉ के. पी. सिंह,उप परियोजना निदेशक नरेंद्र जैन सहित कृषि विभाग के अधिकारियों ने भागीदारी निभाई।
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