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धरने पर पहुंचे सांसद ने अधिवक्ताओं की समस्या सुनी

अलवर. बानसूर कस्बा तहसील कार्यालय से हटाकर ज्ञानपुरा एवं नीमूचाना राजस्व गांव को तहसील कार्यालय नारायणपुर में जोडऩे के विरोध एवं बानसूर एवं हरसौरा थाने को भिवाडी के अधीन किए जाने को लेकर अभिभाषक संघ एवं बानसूर बचाओ तहसील संघर्ष समिति की ओर से अनिश्चितकालीन धरना एवं कलम डाऊन हडताल लगातार तीसरे दिन भी जारी रहा। धरने पर बैठे अधिवक्ताओं को संबोधित करने जयपुर ग्रामीण सांसद कर्नल राज्यवर्धन सिंह राठौड भी पहुंचे ओर अधिवक्ताओं की समस्या सुनी। एडवोकेट सुभाष जोशी ने राठौड़ को समस्या से अवगत कराया। कर्नल राठौड ने अधिवक्ताओं की मांगों को वाजिब बताते हुए 48 घंटे में क्षेत्रवासियों की इस समस्या से मुख्यमंत्री को अवगत कराने का आश्वासन दिया। राठौड़ के साथ भाजपा नेता महेन्द्र यादव भी धरनास्थल पहुंचे। इधर, जिला कलक्टर के निर्देश पर अधिवक्ताओं से वार्ता कर धरने को समाप्त करने के लिए एसडीएम राकेश कुमार मीणा भी पहुंचे। एसडीएम ने अधिवक्ताओं से बातचीत की लेकिन अधिवक्ता अपनी मांगों पर अडे रहे। अधिवक्ताओं ने मांगे पूरी नहीं होने तक धरना जारी रखने का निर्णय किया। इस मौके पर संघ अध्यक्ष अनिल यादव सहित अधिवक्ता एवं कई लोग मौजूद थे।

नौ ग्राम पंचायतें ओर 53 गांव चले जाएंगे
नारायणपुर को तहसील बनाकर आईएलआर सर्किल गांव ज्ञानपुरा एवं नीमूचाना को नारायणपुर में जोडऩे से बानसूर क्षेत्र की नौ ग्राम पंचायतें नारायणपुर तहसील कार्यालय के अधीन हो जाएंगी। वहीं नौ ग्राम पंचायतों के 53 गांवों के ग्रामीणों को तहसील संबधी कार्यो के लिए नारायणपुर जाना पड़ेगा। ऐसे में ग्राम पंचायत होलावास, खोहरी, बासदयाल के ग्राम पंचायतों के ग्रामीणों को अधिक परेशानी का सामना करना पड़ेगा। जिनकी बानसूर से अधिक दूरी नारायणुपर की रहेगी। वहीं भिवाडी पुलिस अधीक्षक के बानसूर एवं हरसौरा थानों को अधीन किए जाने से बानसूर क्षेत्र की दूरी 100 किलोमीटर से अधिक हो गई।



Source: Lifestyle