ग्राम देवता नाराज! छत्तीसगढ़ के इस गांव में हुई पूर्ण शराब बंदी, बनाने-बेचने पर लगेगा 10 हजार रुपए का जुर्माना
जयनगर. Complete Liquor Ban: छत्तीसगढ़ में भले ही पूर्ण शराब बंदी हो या न हो लेकिन एक यहां के एक गांव में पूरी तरह शराब बंदी लागू कर दी गई है। आस्था कहें या अंधविश्वास! लेकिन ग्राम देवता की नाराजगी की बात कहकर अब पंचायत द्वारा ग्रामीणों की बैठक लेकर गांव में शराब बनाने व बेचने को लेकर अर्थदंड (Fine) लगाने का फरमान जारी कर दिया गया है। पंचायत के फरमान के बाद गांव में बदलाव के साथ ही ग्राम के देवस्थलों पर पूजा-अर्चना की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है। हालांकि कुछ व्यक्ति अभी भी पंचायत व लोगों को चकमा देकर चोरी-छिपे शराब का सेवन कर रहे हैं।
दरअसल यह पूरा मामला सूरजपुर जिले के जयनगर थाना क्षेत्र अंतर्गत एनएच के किनारे स्थित ग्राम पंचायत कुंजनगर का है। गांव के पंचायत जनप्रतिनिधियों ने बताया कि गत दिनों गांव के देवल्ला के पास चैत्र नवरात्रि के संबंध में बैठक बुलाई गई थी।
बैठक में पंचायत के सरपंच, उपसरपंच व वार्ड पंचों की उपस्थिति में गांव के हुकुम राजवाड़े द्वारा बताया गया कि हम लोगों के यहां पहले अच्छे से चैत्र नवरात्रि मनाते थे, लेकिन पिछले 10 वर्षों से कुछ पूजा-पाठ नहीं हो रहा है। इसी वजह से अब गांव में लोग जो भी करते हैं, कुछ सार्थक नहीं होता है।
तभी गांव के कुछ लोगों ने सलाह दी कि पूजा-अर्चना अच्छे से नहीं हो रही है, उसी का परिणाम है। गांव के भोजराज राजवाड़े ने बताया नवापारा अखोरा गांव में भी ऐसी स्थिति थी, जिसमें अंबिकापुर के एक पुजारी व सेवानिवृत्त वन विभाग के दरोगा पाण्डेय द्वारा पूजा-पाठ कराए जाने के बाद अब उस गांव की स्थिति में काफी सुधार हुआ है।
इस बात पर पंचायत प्रतिनिधि व ग्रामीणों ने गांव के सभी घरों से दो-चार दाने चावल को न्योता स्वरूप लेकर अंबिकापुर के उक्त पुजारी से मुलाकात की। तब उन्होंने बताया कि गांव के देवता नाराज हैं, इसी वजह से ऐसी स्थिति निर्मित हुई है। इसके लिए विधिवत पूजा-अर्चना गांव के सभी देवल्ला में करते हुए पूर्ण रूप से शराब बंदी करनी पड़ेगी। इसके बाद ही गांव में खुशहाली आ पाएगी।
लगेगा 10 हजार रुपए जुर्माना
इस बात पर पंचायत जनप्रतिनिधियों ने गांव में पुन: बैठक कर सभी को एकमत कर शराबबंदी का फैसला सुनाते हुए अब गांव में शराब बनाने पर 10 हजार रुपए व शराब सेवन करने वालों से 5 हजार रुपए अर्थदंड वसूलने का फरमान जारी किया गया। इसके बाद प्रतिदिन समयानुसार गांव के देवल्ला में विधिवत पूजन किया जा रहा है।
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पंचायत द्वारा की जा रही निगरानी
पंचायत में शराबबंदी (Complete Liquor ban) व पूजा अर्चना की प्रक्रिया को सफल बनाने पंचायत द्वारा निगरानी भी गोपनीय स्तर पर कराई जा रही है। वहीं जो व्यक्ति चोरी-छिपे शराब बना रहे हैं या सेवन कर रहे हैं, उनसे कड़ाई के साथ अर्थदंड वसूलने की पहल की जा रही है।
‘शराबबंदी कर हो रही पूजा’
सरपंच कैलाश सिंह नेताम ने बताया कि गांव के विकास के लिए नाराज देवताओं (Angry Gods) को खुश करने पुजारी द्वारा बताए गए रास्ते पर अमल कर पूजा-अर्चना प्रतिदिन देवल्ला में की जा रही है। शराबबंदी पर भी सतत निगरानी की जा रही है।
Source: Science and Technology News