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Cervical Spondylosis Symptoms; ये संकेत बताते हैं आप सर्वाइकल स्पॉन्डिलाइसिस के हैं शिकार, ये 5 आयुर्वेदिक उपाय दर्द से दिलाएंगे आराम

सर्वाइकल स्पॉन्डिलाइसिस यानी गर्दन में होने वाली नसों की दिक्कत है। नसों की ये दिक्कत कई समस्याओं को जन्म देती है। बेहद असहनीय दर्द वाली ये बीमारी आपके डेली लाइफ को इफेक्ट करने लगती है, लेकिन इसके लक्षण को पहचान कर अगर कुछ सावधानी, एक्सरसाइज और आयुर्वेदिक दवाएं (Ayurvedic Remedies) ली जाएं तो इस समस्या से निजात पाना आसान हो जाता है।

रीढ़ की हड्डी के जोड़ों और Disc में समस्या होने पर सर्वाइकल का दर्द उठता है। अब बच्चों तक में ये समस्या नजर आने लगी है। सर्वाइकल पेन सर्वाइकल स्पोंडिलोलिसिस या ऑस्टियोअर्थराइटिस के कारण होने वाले इस दर्द के पीछे कारण उन हड्डियों, Disc या जोड़ों में बदलाव होता है, जो गर्दन से जुड़े होते हैं। सर्वाइकल का दर्द के लक्षण बचाव क्या हैं चलिए जानें।

सर्वाइकल के लक्षण- Cervical symptoms
इस बीमारी को सर्वाइकल स्पॉन्डिलाइसिस कहा जाता है। दूसरे नाम सर्वाइकल ऑस्टियोऑर्थराइटिस, नेक ऑर्थराइटिस और क्रॉनिक नेक पेन हैं। इसमें गर्दन व कंधों में दर्द तथा जकड़न के साथ-साथ सिर में पीड़ा तथा तनाव बना रहता है। कई बार गर्दन का दर्द हल्के से लेकर ज्यादा हो सकता है। चक्कर भी आता है और कई बार सिर इतना तेज घूमता है कि मरीज गिर तक जाता है। साथ ही इस चक्कर से एकाग्रता कम होने लगती है। गर्दन का दर्द बढ़ते हुए कई बार हाथ की उंगलियों तक पहुंचने लगता है।

अरंडी का तेल -Castor Oil for Cervical Spondylosis
अरंडी का तेल मांसपेशियों, हड्डियों को मजबूत बनाने वाला होता है। गर्दन की एक्सरसाइज के साथ अगर आप अरंडी के तेल को गर्दन पर हल्के हाथ से लगाएं तो यह दर्द को दूर करता है।

2. तिल का तेल -Sesame Oil for Cervical Spondylosis
तिल का तेल जोड़ों के दर्द पर दवा की तरह काम करता है। सर्वाइकल के दर्द से छुटकारा पाने के लिए तिल का तेल की मसाज करें। ये तेल जोड़ों, मांसपेशियों के लिए काफी फायदेमंद होता है। तिल के तेल से जोड़ों को पोषण मिलता है, सर्वाइकल के दर्द में भी आराम मिलता है। तिल का तेल हल्का होता है और ऊतकों में आसानी से प्रवेश कर जाता है।

3. लहसुन -Garlic for Cervical
लहसुन की गर्म तासीर वात दोष को संतुलित करने में मदद करता है। रोज सुबह खाली पेट कच्ची लहसुन की कलियों को पानी के साथ खाने से सर्वाइकल के दर्द में आराम मिलता है।

4. अश्वगंधा (Ashwagandha for Cervical Spondylosis)
आयुर्वेद में अश्वगंधा का उपयोग तरह-तरह की समस्याओं में किया जाता है। अश्वगंधा इम्यूनिटी बढ़ाता है, इसमें सूजन रोधी गुण भी होते हैं। अश्वगंधा तंत्रिका, श्वसन और प्रजनन प्रणाली पर कार्य करता है। मांसपेशियों की क्षति, कमजोरी में अश्वगंधा कार्य करता है। अगर आप सर्वाइकल के दर्द से परेशान हैं, तो अश्वगंधा चूर्ण का सेवन कर सकते हैं। आप अश्वगंधा का सेवन पाउडर, कैप्सूल आदि के रूप में ले सकते हैं।

5.एक्सरसाइज करें
गर्दन और कंधों के आसपास का दर्द और जकड़न को दूर करने के लिए एक्मसरसाइज बहुत जरूरी है। गर्दन के लिए बनी एक्सरसाइज डॉक्टर से पूछ कर करें।

डिस्क्लेमर- आर्टिकल में सुझाए गए टिप्स और सलाह केवल आम जानकारी के लिए दिए गए हैं और इसे आजमाने से पहले किसी पेशेवर चिकित्सक सलाह जरूर लें। किसी भी तरह का फिटनेस प्रोग्राम शुरू करने, एक्सरसाइज करने या डाइट में बदलाव करने से पहले अपने डॉक्टर से परामर्श जरूर लें।



Source: Health