दिल्ली में कोरोना के पॉजिटिविटी रेट में इजाफे के बीच ऑक्सीजन बेड की तैयारी, मास्क पर सरकार ले सकती है बड़ा फैसला
देश की राजधानी दिल्ली में कोरोना एक बार फिर अपने पैर पसार रहा है। दैनिक मामलों में बढ़ोतरी के साथ-साथ पॉजिटिविटी रेट में भी बढ़ोतरी देखने को मिल रही है। यही नहीं बड़ों के साथ अब कोरोना बच्चों को भी चपेट में ले रहा है। यही वजह है कि कोरोना के बढ़ते ग्राफ ने केंद्र से लेकर राज्य सरकार की भी चिंता बढ़ा दी है। हालांकि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा है कि फिलहाल पैनिक होने की जरूरत नहीं है। सरकार पूरी नजर बनाए हुए हैं। इसको लेकर 20 अप्रैल को डीडीएमए की मीटिंग भी होने वाली है। हालांकि पॉजिटिविटी रेट बढ़ने के बाद दिल्ली के अस्पतालों में ऑक्सीजन बेड बढ़ाने की निर्देश जारी कर दिए गए हैं। वहीं सरकार अब मास्क आदि पर भी कोई बड़ा फैसला ले सकती है।
दिल्ली में कोरोना के 366 नए मरीज बढ़ गए। गुरुवार को पॉजिटिविटी रेट 2.49 प्रतिशत था जो शुक्रवार को 3.95 फीसदी पर पहुंच गया। इससे साफ है कि संक्रमण तेजी से फैल रहा है। राजधानी में ऐक्टिव केस की संख्या 1,000 के आंकड़े को पार कर गई है।
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दिल्ली में कोरोना (Delhi Corona News) फैलता है तो इसका चौतरफा असर दिख सकता है क्योंकि यहां से कई राज्यों के लिए लोग आते जाते हैं। वहीं सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा है कि, राजधानी में बड़ी लहर के खतरे से निपटने के लिए 65,000 बेड तैयार किए जा रहे हैं।
कोविड पाबंदियां दोबारा हो सकती है लागू
इस बीच, खबर है कि कोरोना की रफ्तार को देखते हुए दिल्ली सरकार कुछ कोविड-पाबंदियों को फिर से लागू कर सकती है। इनमें प्रमुख रूप से मास्क लगाने का नियम फिर आ सकता है। नहीं लगाने पर सरकार दोबारा जुर्माना वसूल सकती है।
XE वैरिएंट पर भी नजर
अब तक राजधानी दिल्ली में एक्सई वैरिएंट (XE Variant) का कोई मामला सामने नहीं आया है। लेकिन सरकार इस पर भी नजर बनाए हुए है। करीब 300 सैंपल जीनोम सिक्वेंसिंग के लिए जरूर भेजे गए हैं, ताकि किसी भी तरह की लापरवाही बड़ी लहर का कारण ना बन जाए।
हर वॉर्ड में 100 ऑक्सीजन बेड की तैयारी
सरकार की ओर से जारी एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि अगर संक्रमण फैलता है तो सरकार दो हफ्ते में दिल्ली के हर वॉर्ड में 100 ऑक्सीजन बेड बढ़ाने की तैयारी कर ली है। सरकार की तैयारी 65 हजार बेड की है, जिससे किसी भी व्यक्ति को इमर्जेंसी में बेड की कमी न हो। बता दें कि मौजूदा समय में दिल्ली में 37,000 कोविड बेड और 10,594 कोविड आईसीयू बेड उपलब्ध हैं।
बच्चों को चपेट में ले रहा कोरोना
स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन के मुताबिक अस्पतालों को अलर्ट पर रहने को कहा है। जरूरत पड़ी तो RTPCR टेस्टिंग भी बढ़ाई जाएगी। दरअसल, स्कूल खुलने पर तेजी से बच्चे कोरोना संक्रमित हो रहे हैं। फिलहाल दिल्ली में यह ऐक्टिव केस का 0.52 फीसदी है। हालांकि यह चिंता जरूर बढ़ रही है कि दिल्ली के अस्पतालों में 27 फीसदी कोविड पेशेंट्स बच्चे हैं।
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Source: National