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Thirst: जानें कितना पीएं रोज पानी

काम के हिसाब से होनी चाहिए पानी की पूर्ति
पानी काम के हिसाब से पीना चाहिए। कार्य के अनुरूप ही प्यास लगती है। यदि कोई एसी में बैठकर काम करता है तो उस व्यक्ति को प्यास कम लगती है। वहीं कोई व्यक्ति बाहर मेहनत मजदूरी करता है और गर्मी में कार्य करता है तो उसे प्यास ज्यादा लगेगी। पानी शरीर को डिहाइड्रेशन Dehydration से बचाता है। जब भी प्यास लगे पानी पी लेना चाहिए। मौसम के हिसाब से भी प्यास बढ़ती और घटती है। गर्मी में यूरिन कम बनता है। पसीना, वाष्पीकरण होने से भी यूरिन कम आता है।
30-45 मिनट के बाद शरीर में पानी यूरिन के रूप में बाहर निकलता है
2-3 बार से ज्यादा रात्रि में यूरिन आता है तो चिकित्सक से परामर्श लें
फेफड़ों में जा सकता है पानी
हार्ट फेल्योर Heart failure वाले मरीजों को ज्यादा पानी पीने से किडनी पर लोड पड़ता है। इससे फेफड़ों में पानी जा सकता है। महिलाओं में पीरियड्स periods के दौरान हार्मोंस लेवल बदलने से भी वाटर रिटे्रशन हो जाता है। चिड़चिड़ापन, सूजन व वजन (Irritability, swelling and weight gain) बढ़ सकते हैं। उन्हें भी जितनी जरूरत हो उतना ही पानी पीना चाहिए।
यूरिन बार-बार आना है बीमारी का लक्षण
यूरिन Urine बार-बार आना किसी बीमारी का लक्षण है। पानी पीने 30 से 45 मिनट के बाद यूरिन आता है। यदि बार-बार ऐसा लगता है कि यूरिन आ रहा है तो बीमारी हो सकती है। इसका कारण यूरिन में इंफेक्शन, डायबिटीज, कंपल्सिव वाटर ड्रिंकिंग सिंड्रोम (Infections, diabetes, compulsive water drinking syndrome) भी हो सकता है। रात में 2-३ बार से अधिक यूरिन आने पर चिकित्सक की परामर्श से गुर्दे व ब्लड शुगर की जांच करानी चाहिए। कंपल्सिव वाटर ड्रिंकिंग सिंड्रोम में पीडि़त को बार-बार यूरिन आने जैसा लगता है।
सिर्फ आठ गिलास नहीं, जरूरत अनुसार पीएं
सामान्यत: आठ गिलास पानी पीने की सलाह दी जाती है लेकिन जरूरत के अनुसार इससे ज्यादा पानी पी सकते हैं। नारियल पानी, शिकंजी, शर्बत आदि पी भी सकते हैं। नारियल पानी का एक अच्छा स्रोत है। घर के बाहर हों तो समय-समय पर तरल पदार्थ पीते रहें। कम प्यास लगने पर चिकित्सक की सलाह लें।
सिर्फ आठ गिलास नहीं, जरूरत अनुसार पीएं
सामान्यत: आठ गिलास पानी पीने की सलाह दी जाती है लेकिन जरूरत के अनुसार इससे ज्यादा पानी पी सकते हैं। नारियल पानी, शिकंजी, शर्बत आदि पी भी सकते हैं। नारियल पानी का एक अच्छा स्रोत है। घर के बाहर हों तो समय-समय पर तरल पदार्थ पीते रहें। कम प्यास लगने पर चिकित्सक की सलाह लें।
डॉ. संजय गुप्ता, नेफ्रोलॉजिस्ट, भोपाल



Source: Health