गुरु तेग बहादुर का प्रकाश पर्व: विशेष सिक्का और डाक टिकट जारी, पीएम मोदी बोले- मजहबी कट्टरता की आंधी के सामने खड़े रहे हमारे गुरु
गुरु तेग बहादुर के 400वें प्रकाश पर्व के मौके पर प्रधानमंत्री मोदी लाल किले से देश को संबोधित कर रहे हैं। इस भव्य कार्यक्रम की तैयारी इतनी खास की गई है कि हर कोई इसे एक ऐतिहासिक क्षण बता रहा है। प्रधानमंत्री मोदी सूर्यास्त के बाद लाल किले से देश को संबोधित करने वाले देश के पहले प्रधानमंत्री बन गए हैं। इस कार्यक्रम में सिख संगीतकारों द्वारा परफॉर्मेंस दिए जाने ले बाद लंगर भी होगा। इस कार्यक्रम में 400 सिख ‘जत्थेदारों’ के परिवारों को भी आमंत्रित किया गया है। इस आमंत्रण में अमृतसर के स्वर्ण मंदिर के लोग भी शामिल हैं। PM मोदी ने इस अवसर पर एक स्मरणीय सिक्का और डाक टिकट भी जारी किया।
पीएम मोदी के सम्बोधन से जुड़ी खास बातें
अपने सम्बोधन में पीएम मोदी ने कहा, “अभी शबद कीर्तन सुनकर जो शांति मिली, वो शब्दों में अभिव्यक्त करना मुश्किल है। आज मुझे गुरू को समर्पित स्मारक डाक टिकट और सिक्के के विमोचन का भी सौभाग्य मिला है। मैं इसे हमारे गुरूओं की विशेष कृपा मानता हूं।”
-मुझे खुशी है आज हमारा देश पूरी निष्ठा के साथ हमारे गुरुओं के आदर्शों पर आगे बढ़ रहा है। इस पुण्य अवसर पर सभी दस गुरुओं के चरणों में नमन करता हूँ। आप सभी को, सभी देशवासियों को और पूरी दुनिया में गुरुवाणी में आस्था रखने वाले सभी लोगों को प्रकाश पर्व की हार्दिक बधाई देता हूँ।
-ये लालकिला कितने ही अहम कालखण्डों का साक्षी रहा है। इस किले ने गुरु तेग बहादुर जी की शहादत को भी देखा है और देश के लिए मरने-मिटने वाले लोगों के हौसले को भी परखा है।
-औरंगजेब की आततायी सोच के सामने उस समय गुरु तेगबहादुर जी, ‘हिन्द दी चादर’ बनकर, एक चट्टान बनकर खड़े हो गए थे
-उस समय देश में मजहबी कट्टरता की आँधी आई थी। धर्म को दर्शन, विज्ञान और आत्मशोध का विषय मानने वाले हमारे हिंदुस्तान के सामने ऐसे लोग थे जिन्होंने धर्म के नाम पर हिंसा और अत्याचार की पराकाष्ठा कर दी थी
-यहाँ लालकिले के पास में ही गुरु तेगबहादुर जी के अमर बलिदान का प्रतीक गुरुद्वारा शीशगंज साहिब भी है! ये पवित्र गुरुद्वारा हमें याद दिलाता है कि हमारी महान संस्कृति की रक्षा के लिए गुरु तेगबहादुर जी का बलिदान कितना बड़ा था।
-गुरु तेग बहादुर जी के बलिदान ने, भारत की अनेकों पीढ़ियों को अपनी संस्कृति की मर्यादा की रक्षा के लिए, उसके मान-सम्मान के लिए जीने और मर-मिट जाने की प्रेरणा दी है। बड़ी-बड़ी सत्ताएँ मिट गईं, बड़े-बड़े तूफान शांत हो गए, लेकिन भारत आज भी अमर खड़ा है, आगे बढ़ रहा है
-गुरु नानकदेव जी ने पूरे देश को एक सूत्र में पिरोया। गुरु तेगबहादुर जी के अनुयायी हर तरफ हुये। पटना में पटना साहिब और दिल्ली में रकाबगंज साहिब, हमें हर जगह गुरुओं के ज्ञान और आशीर्वाद के रूप में ‘एक भारत’ के दर्शन होते हैं
-वीर बाल दिवस: पिछले वर्ष ही हमारी सरकार ने, साहिबजादों के महान बलिदान की स्मृति में 26 दिसंबर को वीर बाल दिवस मनाने का निर्णय लिया। सिख परंपरा के तीर्थों को जोड़ने के लिए भी हमारी सरकार निरंतर प्रयास कर रही है
-श्री गुरुग्रंथ साहिब जी हमारे लिए आत्मकल्याण के पथप्रदर्शक के साथ साथ भारत की विविधता और एकता का जीवंत स्वरूप भी हैं। इसलिए, जब अफ़ग़ानिस्तान में संकट पैदा होता है, हमारे पवित्र गुरुग्रंथ साहिब के स्वरूपों को लाने का प्रश्न खड़ा होता है, तो भारत सरकार पूरी ताकत लगा देती है
-भारत किसी के लिए खतरा पैदा नहीं करता: भारत ने कभी किसी देश या समाज के लिए खतरा नहीं पैदा किया।आज भी हम पूरे विश्व के कल्याण के लिए सोचते हैं। हम आत्मनिर्भर भारत की बात करते हैं, तो उसमें पूरे विश्व की प्रगति लक्ष्य का सामने रखते हैं।
-आत्मनिर्भर भारत का निर्माण करना: नई सोच, सतत परिश्रम और शत प्रतिशत समर्पण, ये आज भी हमारे सिख समाज की पहचान है। आजादी के अमृत महोत्सव में आज देश का भी यही संकल्प है। हमें अपनी पहचान पर गर्व करना है। हमें लोकल पर गर्व करना है, आत्मनिर्भर भारत का निर्माण करना है
बता दें कि इस कार्यकर्म में PM मोदी को स्वर्ण मंदिर की प्रतिमा और तलवार भेंट में दी गई है।
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Source: National