भीषण गर्मी के बीच देश में फिर लौटा बिजली संकट, कई राज्यों में ब्लैकआउट की हो सकती है स्थिति
देश के कई राज्यों में मार्च मध्य से जारी ग्रीष्म लहर के कारण बढ़ी मांग और इसी बीच पैदा हुई कोयले की किल्लत से बिजली की कमी हो गई है। इस कारण सात राज्य घंटों बिजली कटौती करने पर मजबूर हो गए हैं। कोयले के स्टॉक की कमी के कारण बिजली उत्पादन पर असर पड़ रहा है। कई बिजली कंपनियों के पास मात्र एक से पांच दिनों का ही कोयला बचा है।
देश में कई ऐसे पावर प्लांट हैं, जहां तय स्टॉक के 95 फीसदी तक कोयले की कमी है। देश के अधिसंख्य हिस्सों में झारखंड की कई कोयला कंपनियों से कोयला जाता है। कई कंपनियों ने बताया है कि झारखंड की कंपनियों से कोयला आपूर्ति में कमी हुई है। इस मामले में विशेषज्ञों ने चिंता जताई है कि इस गर्मी भारत के कम से कम कुछ हिस्सों में गंभीर बिजली संकट का सामना करना पड़ सकता है।
हर साल गर्मी के सीजन में देश में बिजली की मांग चरम पर होती है, लेकिन कोयले की कमी के कारण कई राज्यों में संकट गहरा गया है। आधिकारिक सूत्रों के अनुसार पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, आंध्र प्रदेश, गोवा व कर्नाटक में मध्य मार्च से ही गर्मी बढ़ गई थी। इस कारण इन राज्यों में बिजली की मांग एकदम बढ़ गई।
देश में पीक अवर में बिजली की फिलहाल कुल मांग 1,88,576 मेगावाट की बताई जा रही है। इसमें 3,002 मेगावाट की ही कमी बताई जा रही है, लेकिन दूसरी ओर कई राज्य भारी कमी झेल रहे हैं। उन्हें कटौती पर मजबूर होना पड़ रहा है। यही कारण है कि राज्य केंद्र से अतिरिक्त बिजली मांग रहे हैं। मध्य प्रदेश व पंजाब भी केंद्र से ज्यादा बिजली मांग रहे हैं। वहीं, हरियाणा ने पहली बार अपने ताप बिजली घरों के लिए 10 सालों में पहली बार कोयले के आयात का फैसला किया है।
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देश में अप्रैल की शुरुआत में बिजली की मांग पिछले 38 सालों के उच्च स्तर पर पहुंच गई है। इसी बीच यूक्रेन संकट के कारण आयातित कोयले की आपूर्ति पर असर पड़ने लगा। यही कारण देश के ताप बिजली घरों में कोयला का स्टॉक तेजी से घटने लगा।
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Source: National