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सिंगरौली के विकास के लिए एकमंच पर बैठकर तय किया गया ब्लूप्रिंट

सिंगरौली. आने वाले समय में सिंगरौली शहर कैसा होना चाहिए, इसके लिए शहर के प्रमुख लोगों ने एक मंच पर बैठकर चर्चा की। पत्रिका की ओर से आयोजित ‘संवाद’ कार्यक्रम में समस्याओं पर आधारित मुद्दा उठाने के साथ ही उसके निराकरण के लिए सुझाव भी दिए गए। सर्किट हाउस सभागार में आयोजित संवाद में कई ऐसे महत्वपूर्ण सुझाव सामने आए हंै, जिससे शहर की व्यवस्थाएं सुधरेंगी। संवाद में शामिल प्रबुद्धजनों की विकास पर एक राय थी। सभी ने माना कि जरूरत है कि एक रोड मैप तय किया जाए और उसके आधार पर एक-एक आयाम जोड़ते हुए आगे बढ़ा जाए।

संवाद में जिम्मेदार जनप्रतिनिधियों के साथ ही प्रमुख अधिकारियों ने भी सहभागिता निभाई और कहा कि उनकी ओर से शहर के साथ ही जिले के विकास के लिए जो भी हो सकेगा, वह करने के लिए तैयार हैं। इस दौरान सांसद-कलेक्टर के अलावा पूर्व मंत्री वंशमणि वर्मा, एसपी अभिजीत रंजन, नगर निगम आयुक्त शिवेंद्र सिंह सहित अन्य जिम्मेदारों ने कहा कि हर सुझाव सार्थक रहे हैं, इनमें कार्रवाई के पूरे प्रयास किए जाएंगे। सभी ने प्रदूषण, शिक्षा व चिकित्सा व्यवस्था में कमी, कंपनियों में स्थानीय लोगों को रोजगार नहीं मिलना, सडक़-रेल सुविधा का विस्तार करने पर जोर दिया। औद्योगिक क्षेत्र होने के नाते एयरपोर्ट को भी विकास के लिए जरूरी माना।

संवाद में उपस्थित सीधी सांसद रीती पाठक ने कहा कि…….
सिंगरौली में प्रदूषण समस्या है। हवा मेंं प्रदूषण को आंकने व इसे कम करने के लिए हाल में एनजीटी की टीम ने निरीक्षण किया है। टीम से चर्चा हुई है। उन्होंने जिले को प्रदूषण मुक्त करने के लिए लगातार प्रयास की बात कही। बिजली इकाइयों से निकलने वाली राख प्रदूषण का बड़ा कारण है। सीमेंट फैक्ट्री लगाकर इसका निस्तारण संभव है। इस संबंध में कोयला मंत्रालय को लिखा जाएगा। जिले में प्राथमिक चिकित्सा व खेल सुविधाओं की कमी है। नेहरू चिकित्सालय में मेडिकल कालेज खोले जाने प्रपोजल है ताकि चिकित्सा सुविधाओं का विस्तार हो सके। सिंगरौली से दिल्ली व भोपाल को नियमित रेल सुविधा के लिए रेललाइन दोहरीकरण का काम पूरा होना अनिवार्य है। सिंगरौली-सीधी सडक़ मार्ग की खराब हालत से परेशानी हो रही है। फोरलेन जल्दी पूरा करने पर जोर है। सिंगरौली औद्योगिक जिला है। यहां इसी नजरिए से विकास होना चाहिए।

Issue of development of Singrauli, discussed in patrika Samvad program

Patrika IMAGE CREDIT: Patrika

बाइपास व एयरपोर्ट का प्रारंभिक काम शुरू
कोयला पर निर्भर होने के कारण प्रदूषण को नियंत्रित करना यहां की जरूरत है। कोयले का परिवहन रेल या कन्वेयर बेल्ट से ही होना सबके हित में है। ग्रामीण क्षेत्र में प्राथमिक चिकित्सा व शिक्षा का स्तर बहुत कमजोर है। इसे सुधारना चुनौती है। माइनिंग, इंजीनियरिंग व मेडिकल कालेज का भवन निर्माण समस्या नहीं अपितु वहां संसाधन जुटाना बड़ी समस्या है। इस पर काम हो रहा है। स्थानीय लोगों को रोजगार दिलाने के लिए स्किल डवलपमेंट पर ध्यान दे रहे हैं। बैढऩ में बाइपास व एयरपोर्ट के लिए प्रारंभिक काम हो गया। इंजीनियरिंग कॉलेज के लिए भूमि उपलब्ध है। तकनीकी प्रक्रिया होनी है। जिले में मेडिकल कालेज का प्रस्ताव भेजा गया है। जिला शासन की टापटेन सूची मेंं है। इसका सकारात्मक लाभ मिलेगा।
केवीएस चौधरी, कलेक्टर।

ब्लूप्रिंट से सतत विकास
भावी 20-30 वर्ष की जरूरत के अनुमान से जिले के विकास का ब्लू प्रिंट बनना चाहिए। इस पर अमल होने से जिला विकास के मामले में मॉडल हो सकता है। कानून-व्यवस्था के लिए जिले की पुलिस हमेशा तत्पर है। कानून-व्यवस्था को लेकर सकारात्मक सुझाव आमंत्रित हैं। उनका परिपालन किया जाएगा। पुलिस से शिकायत सामने आने पर उसका तत्परता से निराकरण होगा। शिक्षा के जरिए अपराध को कम किया जा सकता है। महिलाओं की सुरक्षा हेतु पुलिस प्रतिबद्ध है।
अभिजीत रंजन, पुलिस अधीक्षक।

बेहतर व्यवस्था के लिए दें सुझाव
हर क्षेत्र में बेहतर सुविधा उपलब्ध कराने को लेकर सुझाव जनता भी दे। उस पर अमल किया जाएगा। सामूहिक विकास के लिए नागरिकों का अच्छा स्वास्थ्य व शिक्षित होना तथा सबको योग्यता के अनुसार काम मिलना जरूरी है। यही सबके संतुलित विकास का आधार है।
शिवेंद्र सिंह, नगर निगम आयुक्त।

युवाओं को मिले रोजगार
ऊर्जाधानी का नाम देशभर में प्रसिद्ध है। यहां कंपनियों के चलते विकास कार्य भी हो रहा है, लेकिन सबसे बड़ी समस्या लंबे समय से नजरअंदाज होती चली आ रही है। सडक़ मार्ग से हो रहा कोल परिवहन प्रदूषण की एक बड़ी समस्या बन गई है। वर्षों से चली आ रही इस समस्या के निराकरण के तमाम प्रयास किए गए फिर भी समस्या का निदान नहीं हो सका। यही हाल बेरोजगारी का भी है। युवाओं को रोजगार देकर इसे दूर किया जाए।
– बंशमणि प्रसाद वर्मा, पूर्व मंत्री मध्यप्रदेश।

प्रदूषण नियंत्रण के लिए पौधरोपण का कार्यक्रम चलना चाहिए। पार्किंग समस्या का निराकरण किया जाए। महिला सुरक्षा के लिए सेल्फ डिफेंस एकेडमी की जरूरत है।
– मनोरमा शाहवाल, चार्टर्ड एकाउंटेंट।

शहर में ट्रांसपोर्ट नगर व्यवस्थित नहीं होने के कारण परेशानी है। सडक़ पर ही वाहन पार्क कर दिए जाते हैं। इस पर ध्यान दिया जाना चाहिए।
– डीएन शुक्ला, पार्षद।

जिले में खेल सुविधाएं नहीं हैं। ऊर्जाधानी में प्रतिभाएं बहुत हैं पर मैदान के अभाव में सब व्यर्थ है। इसलिए यहां खेल अकादमी खुलनी चाहिए।
– आशीष शाहवाल, सामाजिक कार्यकर्ता।

बड़ी-बड़ी कंपनियां स्थापित हैं मगर उनके चिकित्सालयों में स्थानीय लोगों को उपचार का लाभ नहीं मिल रहा। यह दुखद है। इसके लिए पहल की जाए।
– राम अशोक शर्मा, कार्यवाहक जिलाध्यक्ष कांग्रेस।

जिले में बच्चों के लिए संप्रेषण गृह व शिशु गृह नहीं खुले। इसलिए परेशानी है। इनकी स्थापना होनी चाहिए।
– आशा गुप्ता, सामाजिक कार्यकर्ता।

ऊर्जाधानी में इंजीनियरिंग कॉलेज की सख्त जरूरत है। जितनी जल्दी यह कॉलेज खोल दिए जाएगा, युवाओं के लिए उतना ही बेहतर होगा।
– डॉ. अश्वनी तिवारी, शिक्षाविद्।

ग्रामीणों के विकास पर ध्यान देने की जरूरत है। आज भी गांवों में बिजली नहीं है। रोजगार भी मुहैया कराया जाना चाहिए।
– रानी अग्रवाल, आम आदमी पार्टी प्रदेश सचिव।

ऊर्जाधानी की सबसे बड़ी समस्या प्रदूषण है। विकास के लिए लोगों का स्वस्थ्य रहना जरूरी है। इसलिए जिले को प्रदूषणमुक्त बनाया जाए।
– शशिकला पाण्डेय, प्रदेश सचिव महिला कांग्रेस।

नवोदय विद्यालय को स्थाई परिसर मिले। पॉलिटेक्निक कॉलेज में स्किल डवलपमेंट सेेंटर खोला जाए। शक्तिनगर से विंध्यनगर तक रेल लाइन बनाई जाए।
– एसके गौतम, सदस्य रेलवे परामर्शदात्री समिति।

डीएमएफ फंड का उचित प्रयोग करते हुए जिले का विकास किया जाए। स्थानीय लोगों को रोजगार मिले तो जिले का विकास होगा।
– सीपी शुक्ला, प्रदेश प्रवक्ता कांग्रेस।

वर्तमान में आवार मवेशियों की समस्या बढ़ गई है। गौशाला का निर्माण हो तो राहत मिलेगी। रेलवे व एयरपोर्ट की जरूरत भी महसूस की जा रही है।
– राजाराम केशरी, अध्यक्ष व्यापार मंडल।

महिलाओं के विकास पर भी ध्यान दिया जाना चाहिए। उन्हें प्रशिक्षित करने के लिए पार्लर व सिलाई केंद्र खोला जाए। शिक्षित महिला से ही समाज का विकास होगा।
– सुरेश मणि तिवारी, चेयरमैन बाल कल्याण समिति।

सिंगरौली रेलवे स्टेशन को मंडल बनाया जाए या फिर धनबाद मंडल से हटाकर जबलुपर मंडल में जोड़ा जाए। इससे रेल यात्रियों को राहत मिलेगी।
– संजय दुबे, भाजपा युवा नेता।

प्रदूषण से लेकर स्वास्थ्य सुविधाओं के अभाव तक तमाम तरह की अववस्थाएं हैं। इन अव्यवस्थाओं को दूर करने के लिए गंभीरतापूर्वक विचार करना और उस पर अमल के बाद ही जिले का विकास संभव है।
– अनिल द्विवेदी, आम आदमी पार्टी।

अनाथ बच्चों के लिए जिले में बाल कल्याण जैसे केंद्र खोले गए हैं, लेकिन सुविधाओं की कमी है। इस वर्ग को नजरअंदाज कर जिले का विकास संभव नहीं है।
– किरण जैन, सामाजिक कार्यकर्ता।

प्रदूषण व रोजगार के अलावा विस्थापन की समस्या प्रमुख है। समस्याओं का जब तक निराकरण नहीं किया जाता है, जिले का विकास संभव नहीं है। बेहतर होगा कि सर्वप्रथम इस पर अमल किया जाए।
– कुंदन पाण्डेय, कांग्रेस नेता।

जिले का तेजी के साथ विकास हुआ है। कंपनियों ने सीएसआर सहित अन्य मदों के जरिए विकास कार्य किए हैं। यह कार्य आगे भी अनवरत जारी रहेगा। लोगों में विश्वास जगाने की जरूरत है।
– डॉ. केके तिवारी सीएसआर प्रमुख एस्सार पावर।



Source: Education