ईश्रम कार्ड बनाने लगवाए अंगूठे, 28 के खातों से 5 लाख चुराए
ग्वालियर। ई-श्रम कार्ड बनाने का हवाला देकर 4 ठगों ने सिमरिया ताल, डबरा में 28 लोगों के बैंक खाते खाली कर दिए। ठगे गए सभी लोग मजदूर हैं। ठगों ने इन लोगों से कहा नगर पालिका संबल योजना कार्ड बना रही है। इसके अलावा उनके आधार कार्ड, आयुष्मान कार्ड को अपडेट किया जा रहा है। सभी को अंगूठा लगाना होगा। बातों में आकर गांव के 250 से ज्यादा लोगों ने अंगूठे लगा दिए। उसके बाद उनके खातों में जमा पूरा पैसा चोरी हो गया। स्टेट साइबर ने 4 ठगों को राउंडअप किया है। आरोपियों ने सरकारी योजना का हवाला देकर थंब इंप्रेशन के क्लोन बनाकर 5 लाख की ठगी की हामी भरी है। उनसे 980 लोगों के थंब इंप्रेशन क्लोन मिले हैं।
तुलसीराम बघेल निवासी सिमरिया ताल ने बताया 16 मार्च को गांव में अशोक बघेल आया था। उसने कहा नगर पालिका संबल कार्ड बना रही है। सबको अंगूठा लगना होगा। आधार और आयुष्मान कार्ड भी अपडेट होंगे। उसे सरकारी आदमी समझ कर गांववालों ने अंगूठे लगा दिए। अशोक गांववालों ने आधार, आयुष्मान कार्ड के फोटो कॉपी भी ले गया। फिर कार्ड नहीं मिले। 17 अप्रैल को पता चली। गांव की महिला बैंक से पैसा निकालने गई तो खाता खाली था। फिर 28 लोगों के खाते में जमा पैसा होना पता चला। तब साइबर सेल से शिकायत की।
इस तरह चलाया गोरखधंधा
ठगी के मास्टमाइंड अमित बघेल ने खुलासा किया उसने यू टयूब से थंब इंप्रेशन के जरिए ठगी सीखी है। सरकार गांव में डिजिटल साक्षरता अभियान चला रही है। उसमें एक व्यक्ति को प्रशिक्षित करने के एवज में 300 रू मिलते हैं। वह इस योजना का एजेंट बन गया था। लोगों को बिना सिखाए उनके थंब इं्रप्रेशन के क्लोन बनाकर ठगी करता था। उसके पास तमाम लोगों के थंब इंप्रेशन है इसकी जानकारी चीनोर रोड डबरा में क्ओिस्क सेंटर चलाने वाले रणवीर और उपेन्द्र बघेल को थी। इन दोनों ने एक मुश्त ठगी का प्लान बनाया। शहर के लोगों का थंब इंप्रेशन और आधार कार्ड की फोटो कॉपी लेना आसान नहीं था। इसलिए सरकारी योजना की आड़ में गांववालों को टारगेट किया। जिन लोगों के थंब इंप्रेशन लिए उनके क्लोन बनवाए।
खातों से आधार लिंक बना ठगी का सहारा
ठगों ने बताया बैंक ग्राहकों को खाते से आधार लिंक करवाती है। अब आधार के जरिए खातों से पैसा भी निकाला जा सकता है। इसका फायदा उन्हें मिल गया। थंब इंप्रेशन के साथ उनके आधार कार्ड की फोटो कॉपी भी ली थी। इनमें ज्यादातर के खाते सेंट्रल बैंक, एसबीआई और बैंक आफ इंडिया में थे। जिस खाते से पैसा चुराना होता उसके आधार नंबर से एकाउंट ऑपरेट करते। थंब इंप्रेशन लगाकर पैसा चुराते।
ठगी के लिए खोला क्ओिस्क सेंटर
रणवीर और उपेन्द्र को पता था उनके क्ओिस्क सेंटर से ठगी होगी तो पुलिस को पता चल जाएगा। इसलिए सिमरिया निवासी भरत आदिवासी को प्लान बताया। ठगी में बराबरी का हिस्सा देने के लिए राजी किया। उसके नाम से फर्जी क्ओिस्क खोलकर खातों से पैसा चुराया।
यह बरामद
ठगों से 2 लैपटॉप, 3 बायोमैट्रिक डिवाइस, 4 मोबाइल फोन और सिम मिले हैं। क्लोन कैसे बनाते थे ठगों ने सही खुलासा नहीं किया है। साइबर सेल उसका पता लगा रही है।
इनका कहना है
सरकारी योजना का हवाला देकर देहाती इलाके में लोगों को ठगने वाला गैंग राउंडअप किया है। ठगों ने आधार से पैसा निकालने की सहूलित को ठगी का जरिया बनाया था। उनसे पूछताछ की जा रही है।
सुधीर अग्रवाल एसपी स्टेट साइबर सेल
Source: Education