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वास्तु शास्त्र: घर के लोगों की सेहत और जीवन पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकती हैं खाना खाते समय की गई ये गलतियां

वास्तु शास्त्र में हर कार्य को शुभ-अशुभ दिशाओं से संबंधित माना गया है। वास्तु शास्त्र की दिशाओं के अनुरूप कार्य करने से जीवन में सकारात्मकता और सुख की अनुभूति होती है जबकि कुछ दिशाओं को अशुभ माना गया है जो आपके जीवन में समस्याएं पैदा कर सकती हैं। ऐसे में खाना खाते समय भी वास्तु के अनुसार कुछ नियमों का पालन जरूरी माना गया है अन्यथा घर के लोगों की सेहत और जीवन पर गलत असर पड़ सकता है। तो आइए जानते हैं कौन से हैं वे नियम…

 

1. खाना खाने की मेज या डाइनिंग टेबल को कभी भी दक्षिण या पश्चिम दीवार की तरफ नहीं रखना चाहिए। वास्तु शास्त्र के अनुसार भोजन करने के लिए पूर्व और उत्तर दिशाएं सर्वोत्तम होती हैं क्योंकि इन दोनों दिशाओं को देव दिशा माना जाता है।

2. कभी भी झूठे या गंदे पात्रों में भोजन नहीं करना चाहिए क्योंकि यह आपके दुर्भाग्य का कारण बन सकता है।

3. वास्तु शास्त्र में थाली को हाथ में लेकर भोजन करना या फिर बिस्तर पर बैठकर खाना खाना भी बिल्कुल सही नहीं माना गया है।

4. खाना खाने के बाद सभी जूठे बर्तनों को डाइनिंग टेबल से हटाकर टेबल साफ कर देनी चाहिए। साथ ही ध्यान रखें कि डाइनिंग टेबल साफ करने के बाद वहां पर कोई ना कोई खाने की वस्तु अवश्य रखी रहने दें। माना जाता है कि इससे आपके घर में कभी अन्न की कमी नहीं होती।

5. वास्तु के मुताबिक भोजन करते समय कभी भी आपका मुंह दक्षिण दिशा की तरफ नहीं होना चाहिए क्योंकि इससे इस दिशा को यम की दशा माना जाता है और इस दिशा में भोजन करने से घर के लोगों का स्वास्थ्य बिगड़ने की साथ ही यह जीवन में दुर्भाग्य लाता है।

6. अगर आप जमीन पर पालती मारकर खाना खाते हैं तो भोजन की थाली को हमेशा धरती से ऊपर रखना चाहिए, अन्यथा इससे मां अन्नपूर्णा का अनादर होता है। आप भोजन की थाली को किसी चौकी या पट्टे पर रखकर खाना खा सकते हैं।

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Source: Lifestyle

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