बार-बार पानी पीकर भी नहीं बुझती प्यास, तो जानिए किन बीमारियों का हो सकता है ये संकेत, खून से जुड़ी ये दो बीमारी हैं गंभीर
शरीर में पानी की कमी एक गंभीर बीमारी का कारण होती है। अगर आप पानी पी रहे, लेकिन फिर भी आपकी प्यास नहीं बुझती तो इसके पीछे कई वजहें हो सकती हैं। इसमें कुछ गंभीर बीमारी का भी संकेत हैं। तो चलिए जानें बार-बार प्यास लगना किन बातों का संकेत देता है।
प्यास नहीं बुझने का जाने कारण-Thirst is not quenched, then know the reason
पानी की कमी
गर्मी में डिहाइड्रेशन की समस्या सबसे ज्यादा होती है। अगर आपके होंठ सूख रहे और बार-बार प्यास लग रही तो इसका मतलब है आपके शरीर में पानी की कमी हो रही है। अगर ऐसा है तो आपको तुंरत नमक-चीनी का घोल या ओआरएस पीना शुरू कर देना चाहिए। पानी की कमी जानलेवा भी हो सकती है।
ब्लड शुगर का बढ़ना
शरीर में जब ब्लड में इंसुलिन की मात्रा कम होने लगती है तो प्यास लगने की समस्या बढ़ती है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि जब शरीर में कोशिकाएं इंसुलिन रेसिस्टेंट हो जाती हैं, तो किडनी ब्लड से अतिरिक्त शुगर को निकालने में मेहनत करनी पड़ती है इससे बार-बार शुगर के साथ ब्लैडर में यूरिन आता है और शरीर से पानी की कमी होने लगती है। इससे बार-बार प्यास लगती है और पानी पी कर भी प्यास नहीं बुझती।
खून की कमी
एनीमिया यानी खून की कमी में रेड ब्लड सेल्स की कमी हो जाती है। खून की कमी, थैलेसिमिया, हीमोफिलिया आदि में भी बार-बार प्यास लगने लगती है।
प्रेगनेंसी
प्रेग्नेंसी में भी प्यास लगना एक आम संकेत है। पहली तिमाही के दौरान रक्त की मात्रा बढ़ जाती है, जो किडनी को अतिरिक्त तरल पदार्थ बनाने के लिए मजबूर करती है। इसके अलावा, गर्भावस्था के दौरान होने वाली घबराहट और मॉर्निंग सिकनेस के कारण हाइड्रेशन हो जाता है। ऐसे में बार-बार प्यास लगना तय है।
ड्राई माउथ
यदि आपकी लार ग्रंथियां सक्रिय नहीं है तो इससे भी बार-बार मुंह सूखेगा और प्यास लगती रहेगी। कई बार ये कुछ दवाओं के कारण भी होता है। ये समस्या उनमें भी होती है जो तंबाकू आदि का सेवन बहुत करते हैं। माउथ की डिजीज में ये संभव है कि बराबर प्यास बनी रहे।
बार-बार लगे प्यास तो इस तरीके से बुझाएं प्यास
1. सादे पानी की जगह नमक-चीनी या इलेक्ट्रॉल वाटर लें।
2. नारियल पानी में नेचुरन इलेक्ट्रॉलन होता है। इससे डिहाइड्रेशन की समस्या दूर होगी।
3. ज़्यादा प्यास लगना शरीर में नमक की कमी को दर्शाता है, इसलिए आप ओआरएस (ORS) का घोल भी पी सकती हैं।
4. रसीले फल और सब्जी को खाने की आदत डालें। रफेज ज्यादा लें ताकि ये पानी को सोख कर रखें।
तो अगर आपके साथ भी प्यास से जुड़ी समस्या है तो आप संकेतों को पहचान कर अपना इलाज कराएं।
डिस्क्लेमर- आर्टिकल में सुझाए गए टिप्स और सलाह केवल आम जानकारी के लिए दिए गए हैं और इसे आजमाने से पहले किसी पेशेवर चिकित्सक सलाह जरूर लें। किसी भी तरह का फिटनेस प्रोग्राम शुरू करने, एक्सरसाइज करने या डाइट में बदलाव करने से पहले अपने डॉक्टर से परामर्श जरूर लें।
Source: Health