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बुद्ध पूर्णिमा 2022: इस दिन किए गए ये काम व्यक्ति को बनाते हैं धनवान और अकाल मृत्यू का नहीं रहता भय, ये है मान्यता

हिंदू पंचांग अनुसार वैशाख पूर्णिमा को ही ‘बुद्ध पूर्णिमा’ के नाम से जाना जाता है। बुद्ध पूर्णिमा भगवान बुद्ध को समर्पित सबसे बड़ा त्योहार है। ये दिन भगवान विष्णु के अवतार माने जाने वाले महात्मा बुद्ध के जन्मदिन के रूप में हर साल मनाया जाता है। इस खास दिन पर कई लोग व्रत भी रखते हैं। स्नान-दान की ये पूर्णिमा इस बार परिघ योग में मनाई जाएगी। बुद्ध पूर्णिमा के दिन दान-पुण्य के कार्यों कोा विशेष महत्व बताया जाता है। इस बार इस पूर्णिमा पर चंद्र ग्रहण के अनोखे संयोग से दान-पुण्य का महत्व और भी अधिक बढ़ गया है। जानें बुद्ध पूर्णिमा के दिन कौन से कार्य करने से घर में सुख-समृद्धि आने की मान्यता है।

सुख-समृद्धि के लिए बुद्ध पूर्णिमा पर करें ये काम: मान्यताओं अनुसार वैशाख माह की पूर्णिमा व बुद्ध पूर्णिमा पर जो व्यक्ति स्नान कर भगवान विष्णु की सच्चे मन से पूजा-अर्चना करता है और फिर अपनी श्रद्धा अनुसार दान-पुण्य करता है, तो उसके सारे कष्ट दूर हो जाते हैं। ऐसे जातकों को अपने जीवन में सभी जाने-अनजाने किये गए पापों से मुक्ति भी मिलने की मान्यता है। शास्त्रों में भी इस बात का जिक्र किया गया है कि बुद्ध पूर्णिमा के दिन सत्यविनायक व्रत रखना अत्यंत ही फलदायी होता है। मान्यता अनुसार ये व्रत धर्मराज यमराज को प्रसन्न करने के लिए किया जाता है, इस व्रत के पुण्य प्रताप से जीवन में अकाल मृत्यु का खतरा भी टल जाता है। इस खास दिन पर चीनी, सफेद तिल, दूध, दही, खीर, आटा आदि का दान विशेष रूप से फलदायी माना जाता है।

बुद्ध पूर्णिमा व्रत विधि:
-प्रातः काल सूर्योदय से पहले उठकर स्नान कर लें।
-स्नान के बाद सूर्य देव के मंत्र का उच्चारण करते हुए सूर्य देव को जल अर्पित करें।
-इसके बाद मन में व्रत का संकल्प लेकर भगवान विष्णु की अराधना करें।
-इसके बाद भगवान विष्णु का अवतार माने जाने वाले भगवान गौतम बुद्ध की भी पूजा करें।
-इस खास दिन पर घर में तिल के तेल का दीपक जरूर जलाएं और तिल का दान भी करें।
-व्रत रखने वाले एक समय ही भोजन करें।

भगवान बुद्ध द्वारा बताई गई प्रेरणादायक बातें:
-स्वास्थ्य सबसे बड़ा तोहफ़ा है, संतुष्टि सबसे बड़ी दौलत है और निष्ठा सबसे बड़ा रिश्ता है।
-बुद्ध ने तीन सार्वभौमिक सत्यों के विषय में बताया है। पहला यह है कि इस जीवन में कुछ भी स्थायी नहीं है, किसी भी चीज़ का अस्थायित्व होना ही आपके दुख के लिए ज़िम्मेवार है और इस संसार में ’स्व’ नाम की कोई चीज नहीं है।
-जो बीत गया उसके बारे में कभी नही सोचों, भविष्य के सपने मत देखो, सिर्फ अपने आज पर ध्यान दो।
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Source: Religion and Spirituality