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Signs of cataract: आंखों की ये 7 परेशानी देती है मोतियाबिंद होने का संकेत, जानिए, कारण-लक्षण और बचाव के उपाय

आंखों के गंभीर रोगों में शुमार मोतियाबिंद रौशनी जाने की वजह बन सकती है। अगर आपको लगता है कि आपके आंखों में कुछ बदलाव हो रहे या आंखों में दिक्कत बढ़ रही तो आपको कुछ संकेतों पर ध्यान देना होगा। मोतियाबिंद होने के आंखों में क्या संकेत होते हैं, चलिए जानें।

मोतियाबिंद लाइलाज नहीं, लेकिन कई बार लोग इसकी गंभीरता को समझ नहीं पाते।

जानिए क्या होता है मोतियाबिंद?
आंख की लेंस लाइट या इमेज को रेटिना पर फोकस करने में मदद करती है। रेटिना शार्प इमेज प्राप्त करे इसके लिए जरूरी है कि लेंस क्लियर हो। जब लेंस क्लाउडी हो जाता है तो लाइट लेंसों से स्पष्ट रूप से गुजर नहीं पाती जिससे जो इमेज आप देखते हैं वो धुंधली हो जाती है। इसके कारण दृष्टि के बाधित होने को मोतियाबिंद या सफेद मोतिया कहते हैं।

मोतियाबिंद के कारण

1. उम्र बढ़ने के साथ होती है समस्या
2. डायबिटीज कारण होता है नुकसान
3. शराब अधिक पीने से होता है नुकसान
4. बहुत अधिक सूरज की रौशनी में रहना
5. अनुवांशिक करण भी होत ेहैं
6. हाई ब्लड प्रेशर के कारण
7. मोटापा भी होता है एक कारण
8. आंखों में चोट लगने या सूजन की वजह
9. पहले हुई आंखों की सर्जरी के कारण
10. कार्टिस्टेरॉइड मोडिकेशन का लंबे समय तक इस्तेमाल
11. बहुत ज्यादा स्मोकिंग की आदत

मोतियाबिंद के लक्षण

1. दृष्टि में धुंधलापन या अस्पष्टता
2. बुजुर्गों में निकट दृष्टि दोष में निरंतर बढ़ोतरी
3. रंगों को देखने की क्षमता में बदलाव क्योंकि लेंस एक फ़िल्टर की तरह काम करता है
4. रात में ड्राइविंग में दिक्कत आनाजैसे कि सामने से आती गाड़ी की हैडलाइट से आँखें चैंधियाना
5. दिन के समय आँखें चैंधियाना
6. दोहरी दृष्टि (डबल विज़न)
7. चश्मे के नंबर में अचानक बदलाव आना

मोतियाबिंद की रोकथाम

  1. 40 की उम्र के बाद नियमित रूप से आंखों की जांच कराएं।
  2. सूरज की अल्ट्रावायलेट किरणों से बचें और धूपी चश्मे का प्रयोग करें।
  3. डायबिटीज, हाई बीपी आदि को कंट्रोल में रखें।
  4. वजन संतुलित रखें और विटामिन ए युक्त चीजें खाएं।
  5. रंग-बिरंगे फलों और सब्जियों को अपने भोजन में शामिल करें। इनमें बहुत सारे एंटी-ऑक्सीडेंट्स होते हैं जो आंखों को स्वस्थ्य
  6. रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं
  7. धुम्रपान छोड़ें और शराब का सेवन कम से कम करें

उपचार
चश्मे या लेंस से आपको स्पष्ट दिखाई न दे तो सर्जरी ही एकमात्र विकल्प बचता है। सर्जरी की सलाह तभी दी जाती है जब मोतियाबिंद के कारण आपके जीवन की गुणवत्ता को प्रभावित होने लगती है। सर्जरी में जल्दबाजी न करें, क्योंकि मोतियाबिंद के कारण आंखों को नुकसान नहीं पहुंचाता है, लेकिन अगर आपको डायबिटीज है तो इसमें देरी न करें।

डिस्क्लेमर- आर्टिकल में सुझाए गए टिप्स और सलाह केवल सामान्य जानकारी प्रदान करते हैं। इन्हें आजमाने से पहले किसी विशेषज्ञ अथवा चिकित्सक से सलाह जरूर लें। ‘पत्रिका’ इसके लिए उत्तरदायी नहीं है।



Source: disease-and-conditions

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