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वास्तु शास्त्र के इन उपायों के साथ जून महीने की करें शुरुआत, मां लक्ष्मी की बनी रहेगी कृपा

Vastu Shastra Upay: हर व्यक्ति चाहता है कि उसका जीवन धन-धान्य और तमाम सुख सुविधाओं से भरा रहे। जिसके लिए व्यक्ति कड़ी मेहनत भी करता है। लेकिन कई बार लाख कोशिशों के बाद भी मेहनत का उचित फल प्राप्त नहीं मिल पाता है। कुछ लोग इसे अपने भाग्य का दोष देने लगते है। वास्तु की मानें इसके पीछे की वजह घर का खराब वास्तु भी हो सकता है। यहां हम आपको कुछ ऐसे वास्तु के उपायों के बारे में बताने जा रहे हैं जिन्हें अपनाकर आप अपनी जीवन में सुख-समृद्धि और शांति ला सकते हैं। जून महीने की शुरुआत आप इन उपायों के साथ कर सकते हैं।

स्वास्तिक: यदि बिजनेस में आपको लगातार घाटा हो रहा है तो अपने कार्यस्थल के ईशान कोण में लगातार 7 गुरुवार तक सूखी हल्दी से स्वास्तिक का चिन्ह बनाएं इससे बिजनेस में लाभ प्राप्त होने लगेगा। इसी प्रकार कार्यस्थल या घर की उत्तर दिशा में हल्दी से स्वास्तिक चिन्ह बनाने से हर कार्य में सफलता मिलने की संभावना बढ़ जाती है। मान्यता है स्वास्तिक बनाने से वास्तुदोष समाप्त हो जाता है। क्योंकि इसकी चारों भुजाएं चारों दिशाओं का प्रतीक होती हैं। यदि आपके घर में वास्तु दोष है तो घर के मुख्यद्वार के दरवाजे पर 9 इंच लंबा और चौड़ा सिंदूर से स्वास्तिक बनाना चाहिए। अगर ऐसा कर पाना संभव न हो तो इसकी जगह आप अष्टधातु या तांबे का स्वास्तिक भी घर के मेनगेट पर लगा सकते हैं।

गणेश जी: धन और सुख में वृद्धि के लिए नृत्य करती हुई गणेश जी की प्रतिमा घर में रखना शुभ माना जाता है। गणेश जी की ये प्रतिमा ऐसे स्थान पर रखें जिससे घर के सभी सदस्यों की दृष्टि इस पर पर बार-बार पड़े। साथ ही इस बात का भी ध्यान रखें कि इस प्रतिमा का मुख दक्षिण दिशा की ओर नहीं होना चाहिए।

माता लक्ष्मी और कुबेर देवता: धन-धान्य में वृद्धि के लिए घर में देवी लक्ष्मी के साथ-साथ कुबेर देवता की प्रतिमा भी जरूर लगानी चाहिए। मां लक्ष्मी धन की देवी मानी जाती हैं तो कुबेर जी धन के देवता। धन प्राप्ति के लिए ये दोनों एक दूसरे के पूरक माने जाते हैं। कुबेर देवता की प्रतिमा रखने का सबसे शुभ स्थान उत्तर दिशा माना जाता है। वहीं माता लक्ष्मी की प्रतिमा उत्तर, ईशान कोण या पूर्व दिशा में भी रख सकते हैं।

नारियल: हिंदू धर्म में नारियल को माता लक्ष्मी का स्वरूप माना जाता है। इनमें एकाक्षी नारियल सबसे शुभ माना जाता है। ऐसा कहा जाता है कि जिस घर में एकाक्षी नारियल की नियमित पूजा होती है। वहां हमेशा सकारात्मकता बनी रहती है। साथ ही मां लक्ष्मी की कृपा भी बनी रहती है।

शंख: वास्तु अनुसार शंख घर के वास्तु दोष को दूर करने के लिए सबसे मुख्य माना जाता है। जहां नियमित रूप से शंख का घोष होता है वहां नकारात्मक ऊर्जा नहीं ठहरती। शास्त्रों में भी ऐसा वर्णन मिलता है कि जहां दक्षिणवर्ती शंख होता है वहां लक्ष्मी माता स्वयं निवास करती हैं। ये शंख चावल भरकर लाल कपड़े में लपेटकर या इसमें शुद्ध जल भरकर पूजा स्थान पर रखना चाहिए और इसकी नियमित पूजा करनी चाहिए।
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(डिस्क्लेमर: इस लेख में दी गई सूचनाएं सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है।patrika.com इनकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ की सलाह लें।)



Source: Lifestyle