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Alto से लेकर Eeco तक Maruti की ये कारें सेफ़्टी में फिसड्डी! जानिए कंपनी को क्यों हो रही है Bharat NCAP से चिंता

देश का ऑटो सेक्टर एक बड़े बदलाव के दौर से गुजर रहा है। कोरोना महामारी के बाद पटरी पर लौटा कारोबार अब सेफ़्टी फीचर्स और सरकार के नियमों को आजमाने की तैयारी कर रही है। बीते दिनों सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री (MoRTH) नितिन गडकरी ने घोषणा की है कि उन्होंने भारत NCAP या न्यू कार असेसमेंट प्रोग्राम के लिए GSR (सामान्य वैधानिक नियम) अधिसूचना के मसौदे को मंजूरी दे दी है। दुनिया भर में अन्य कार क्रैश रिपोर्ट की ही तरह Bharat NCAP क्रैश टेस्ट में उनके प्रदर्शन के आधार पर कारों को स्टार रेटिंग देगा। लेकिन सरकार के इस फैसले से देश की सबसे बड़ी कार निर्माता कंपनी मारुति सुजुकी (Maruti Suzuki) नाखुश दिख रही है।

मारुति सुजुकी ने देश में बिकने वाली सभी कारों के लिए Bharat NCAP मानदंडों को अनिवार्य बनाने का विरोध किया है। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी द्वारा भारत एनसीएपी (या न्यू कार असेसमेंट प्रोग्राम) रेफ़्टी रेटिंग कार्यक्रम को मंजूरी देने के कुछ घंटों बाद ही – मारुति सुजुकी के अध्यक्ष आरसी भार्गव ने बिजनेस टुडे को बताया कि उनका इस विषय पर एक अलग दृष्टिकोण था।

भार्गव ने मीडिया को दिए अपने बयान में कहा कि, भारत पश्चिमी देशों की तुलना में पूरी तरह से अलग बाजार है, पश्चिमी देशों में इस तरह के कार सेफ़्टी टेस्ट एक बेंचमार्क जैसे हैं। आर.सी. भार्गव ने साफ तौर पर कहा कि, “Bharat NCAP देश में बेचे जाने वाले सभी कारों के लिए अनिवार्य नहीं होना चाहिए, भारत यूरोपीय बाजार से अलग है। हम यूरोप के रोड सेफ़्टी गाइडलाइंस का पालन नहीं कर सकते हैं, हमें यह देखना चाहिए कि दोपहिया चालकों के लिए बेहतर परिवहन प्रदान करने के लिए क्या किया जा सकता है।”

उन्होंने कहा, “हम भारत में अपने सभी वाहनों में सुरक्षा के यूरोपीय मानकों का पालन नहीं कर सकते हैं क्योंकि हम इसे दोपहिया वाहनों पर लागू नहीं कर सकते हैं। भार्गव का कहना है कि, क्या हम दोपहिया वाहन मालिकों को सुरक्षा के दायरे से बाहर करके इसे केवल उन लोगों के लिए लागू कर रहे हैं जो कि अमीर हैं। निश्चित रूप से, हमें यह देखना चाहिए कि दोपहिया वाहनों का उपयोग करने वाले लोगों के लिए बेहतर परिवहन प्रदान करने के लिए क्या किया जा सकता है।”

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याद दिला दें कि, बीते 24 जून को नितिन गडकरी ने ट्वीटर के माध्यम से घोषणा की थी कि, “भारत एनसीएपी (NCAP) के परीक्षण प्रोटोकॉल को मौजूदा भारतीय नियमों को वैश्विक क्रैश टेस्ट प्रोटोकॉल के साथ जोड़ा जाएगा, जिससे कार निर्माता कंपनियां अपने वाहनों को भारत की अपनी इन-हाउस परीक्षण सुविधाओं में टेस्ट कर सकेंगे।” उन्होंने कहा, “मैंने अब भारत एनसीएपी (नई कार आकलन कार्यक्रम) शुरू करने के लिए ड्राफ्ट (GSR) अधिसूचना को मंजूरी दे दी है, जिसमें भारत में ऑटोमोबाइल को क्रैश टेस्ट में उनके प्रदर्शन के आधार पर स्टार रेटिंग दी जाएगी।”

ऐसा नहीं है कि, Maruti Suzuki को सरकार के किसी फैसले पर पहली बार आपत्ती है। इससे पूर्व जब केंद्र सरकार देश में सभी वाहनों में दिए जाने वाले कारों 6 एयरबैग के इस्तेमाल की बात कही थी, उस वक्त भी मारुति सुजुकी ने चिंता जताई थी। दरअसल, उस वक्त कंपनी का कहना था कि, कारों में 6 एयरबैग को अनिवार्य करने से छोटी और सस्ती कारों का भविष्य खतरे में पड़ सकता है। जाहिर है कि, नए सेफ़्टी फीचर को शामिल किए जाने के बाद कारों की कीमत में इजाफा होना लाजमी है।

Maruti की ये कारें सेफ़्टी में फिसड्डी:

फिलहाल, भारत में बेची जाने वाली कारों को वैश्विक संस्था ग्लोबल NCAP क्रैश टेस्ट के आधार पर स्टार रेटिंग दी जा रही थी। जिसमें देश की बहुत सी मशहूर कारों जैसे Maruti Alto और यहां तक कि महिंद्रा की बेस्ट सेलिंग एसयूवी में से एक Mahindra Scorpio को जीरो रेटिंग मिली थी। मारुति सुजुकी के कुछ अन्य मॉडलों की बात करें तो S-Presso और सबसे सस्ती 7-सीटर कार Eeco को भी सुरक्षा के मामले में जीरो रेटिंग मिली है। मारुति सुजुकी के के मॉडलों में सबसे बेहतर रेटिंग मौजूदा Brezza को मिली है, जो कि 4 स्टार रेटिंग के साथ आती है।



Source: Tech