Delivery complications: इन बातों का रखेंगे ध्यान तो नहीं होंगी डिलीवरी की जटिलताएं
टाइप -1 डायबिटीज से पीड़ित महिलाओं में गर्भपात व जन्म लेने वाले शिशु में विकृति की आशंका रहती है। इस बारे में सतर्क रहना इसलिए जरूरी है क्योंकि प्रेग्नेंसी में होने वाले मधुमेह से हर 7 में से एक बच्चा प्रभावित होता है।
समझ बढ़ाएं –
इंटरनेशनल डायबिटीज फेडरेशन के अनुसार दुनियाभर में हर 10 में से एक महिला डायबिटीज से पीड़ित है। इसका मुख्य कारण इलाज, शिक्षा और सही देखभाल व सावधानी का अभाव है। इसके लिए जिन महिलाओं में इस रोग की आशंका या प्रेग्नेंसी के दौरान इसके गंभीर होने की आशंका है, उन्हें डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
ये ध्यान रखें –
प्रसव के दौरान जटिलताओं को कम करने का एक ही विकल्प है- ब्लड शुगर के स्तर को नियंत्रित रखना। जिसके लिए खानपान और व्यायाम अहम भूमिका निभाते हैं।
व्यायाम: अपनी स्त्री रोग विशेषज्ञ से रोग की गंभीरता और गर्भावस्था के अनुसार ऐसे व्यायाम की सूची बनवाएं जो इस दौरान शुगर लेवल मेनटेन रखने के साथ आपको फिट रखें। जैसे हफ्ते में कम से कम 4-5 दिन हल्के-फुल्के वर्कआउट करें। वॉकिंग और स्वीमिंग भी बेहद मददगार हो सकते हैं।
डाइट: भोजन स्किप न करें। नाश्ते में कार्ब कम और प्रोटीन ज्यादा लें। साथ ही फल खाएं। फाइबर युक्त चीजें ज्यादा खाएं।
Source: Health
