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केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने बताया- राष्ट्रीय डोपिंग रोधी कानून बनने से क्या होगा लाभ?

पत्रिका ब्यूरो
नई दिल्ली। राष्ट्रीय डोपिंग रोधी एजेंसी और राष्ट्रीय डोप जांच प्रयोगशाला के कामकाज को कानूनी दर्जा प्रदान करने संबंधी राष्ट्रीय डोपिंग-रोधी विधेयक, 2022 को बुधवार को संसद ने मंजूरी दे दी। लोकसभा के बाद राज्यसभा ने भी विधेयक को पास कर दिया। राज्यसभा में विधेयक पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए केंद्रीय युवा एवं खेल मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर ने कहा कि विधेयक के कानून बनने से न सिर्फ खेल और खिलाड़ियों को मदद मिलेगी, बल्कि आत्मनिर्भर भारत अभियान को भी बल मिलेगा।

राष्ट्रीय डोपिंग रोधी विधेयक 2022 पर राज्यसभा में बोलते हुए केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि इस कानून के बनने से दुनिया भर के देशों में और वर्ल्ड एंटी डोपिंग एजेंसी में ये संदेश स्पष्ट जाएगा कि खेल, खिलाड़ियों और डोपिंग को लेकर भारत बहुत गंभीर है। उन्होंने कहा कि हमने राष्ट्रीय एंटी डोपिंग एजेंसी (नाडा) ने एंटीडोपिंग अवेयरनेस टूलकिट को डेवलॅप किया है, टेक्नोलॉजी का उपयोग करके। स्कूल के बच्चों को भी जानकारी देंगे की डोपिंग होती क्या है और कैसे होती है। अनुराग ठाकुर ने कहा कि भारत, जहां से शतरंज की शुरुआत हुई, यहां पहली बार चेस ओलंपियाड का आयोजन हुआ। दुनिया के 187 देश इसमें भाग ले रहे है। 44वें चेस ओलंपियाड में पहली बार टॉर्च रिले आयोजित की गई जिसने 27000 किमी का सफर किया।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि आपदा के समय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आत्मनिर्भर भारत की भी कल्पना की थी। यह नाडा हो या कोई एनटीडीएल हो हमने इसकी क्षमता को बढ़ाने का काम भी किया है । यह आत्मनिर्भर भारत के सपने को पूरा करेगी

भारत सरकार ने मैडल जीतकर आने वाले खिलाड़ियों की समय समय पर अवार्ड फीस बड़ाई और उन्हें सम्मानित किया। हमने ओलंपिक ,पैरालिंपिक्स या डेफओलंपिक के विजेताओं खिलाड़ियों में भेदभाव नहीं किया।

अनुराग ठाकुर ने कहा कि 400 कोचेस की नियुक्ति की है। 1000 खेलो इंडिया सेंटर्स हम बनाने जा रहे है जिसमे से 580 से ज्यादा की हमने अनुमति भी दे दी। पूर्व खिलाडियों को खेल का इंफ्रास्ट्रक्चर बनाने के लिए और उसको चलने का प्रावधान भी बजट में किया है।



Source: Sports

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