अरशद नदीम सरकारी नौकरी के लालच में बने एथलीट, नीरज चोपड़ा से ऐसे शुरू हुई दोस्ती, अब तोड़ा उन्हीं का रिकॉर्ड
‘Divided by boundaries United by friendship’ अंग्रेजी की यह कहवाती दुनियाभर में अपनी प्रतिभा से लोहा मनवाने वाले पाकिस्तान के जैवलिन थ्रोअर अरशद नदीम और भारत के नीरज चोपड़ा पर सटीक बैठती है। खेल के मैदान में दोनों चिर प्रतिद्वंद्वी हैं, लेकिन मैदान के बाहर उतने ही अच्छे दोस्त है। टोक्यो ओलंपिक में गोल्ड मेडल जीतकर नीरज अरशद से आगे निकाल गए थे। लेकिन उनकी गैरमौजूदगी में कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 में अरशद नदीम ने न सिर्फ गोल्ड मेडल जीता। बल्कि अपने दोस्त को एक नई चुनौती भी दी है।
नीरज कभी 90 मीटर नहीं फेंक पाये –
अरशद नदीम ने यहां 90.18 मीटर दूर जैवलिन फेंक कर एक नया रिकॉर्ड बना दिया है। अरशद 90 मीटर लंबा भाला फेंकने वाले पहले साउथ एशियाई खिलाड़ी बन गए हैं। इससे पहले अमेरिका के यूजीन में हुई वर्ल्ड एथलेटिक्स चैंपियनशिप में नीरज ने 88.13 मीटर दूर भाला फेक सिल्वर मेडल जीता था। वहीं नदीम 86.16 मीटर के थ्रो के साथ नंबर पांच पर रहे थे। अरशद के इस प्रदर्शन की नीरज चोपड़ा ने भी सराहना की थी और उनका हौसला बढ़ाया था। वहीं नीरज ने टोक्यो ओलंपिक में 87.58 मीटर भाला फेंककर गोल्ड मेडल जीता था। नीरज अभी तक 90 मीटर का मार्क नहीं छू पाये हैं।
नीरज चोपड़ा और अरशद नदीम की दोस्ती –
अरशद नदीम ने चोट के बावजूद कॉमनवेल्थ गेम्स में हिस्सा लिया था। ऐसे में चोटिल होने के बावजूद इस स्टार एथलीट ने जो प्रदर्शन किया वह काबिलेतारीफ है। नीरज चोपड़ा और अरशद नदीम की दोस्ती के किस्से भी काफी लोकप्रिय हैं। अरशद जब 19 साल के थे तब पहली बार नीरज से मिले थे। साल 2016 में अरशद नदीम बस के जरिए लाहौर से अमृतसर आए थे। उन्हें गुवाहाटी जाना था, जहां दक्षिण एशियाई खेलों का आयोजन हो रहा था। यहीं, नीरज और नदीम पहली बार मिले थे। इस प्रतियोगिता में नीरज चोपड़ा ने 82.23 मीटर दूर भाला फेंक कर गोल्ड जीता था। वहीं नदीम ने 78.33 मीटर दूर भाला फेंका ब्रॉन्ज अपने नाम किया था।
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भारत और पाकिस्तान में जैवलिन को लेकर भी क्रेज़ बढ़ा –
इसके बाद नीरज और नदीम का मुकाबला वियतनाम में एशियन जूनियर चैंपियनशिप में था। यहां नीरज ने 77.60 मीटर दूर भाला फेंक सिल्वर जीता था। वहीं 73.40 मीटर दूर भाला फेंकने वाले नदीम को एक बार फिर ब्रॉन्ज मिला था। अरशद का अबतक का सफर प्रेरणादायक है। उनके बेमिसाल प्रदर्शन के बाद पाकिस्तान में भी जैवलिन को लेकर भी क्रेज़ बढ़ा है। आज भारत में नीरज चोपड़ा और पाकिस्तान में अरशद नदीम ने जैवलिन के खेल में अपने देशों को एक नई ऊर्ज़ा दी है।
नदीम ऐसे बने जैवलिन थ्रोअर –
नदीम स्पोर्ट्स में बहुत बड़ा नाम बनाना नहीं चाहते थे। वे सिर्फ सरकारी नौकर के लिए मेहनत कर रहे थे। इसी तलाश में उन्होंने स्पोर्ट्स कोटा के अंडर पाकिस्तान वाटर एंड पावर डेवलपमेंट अथॉरिटी (WAPDA) के लिए ट्रायल्स भी दिए। इसी दौरान उनकी पहचान सैय्यद हुसैन बुखारी से हुई। बुखारी पांच बार के पाकिस्तानी नेशनल चैम्पियन हैं। इसके बाद बुखारी ने उन्हें ट्रेन किया और सरकारी नौकरी भी दिलाई।
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टोक्यो ओलंपिक में विवाद –
टोक्यो ओलंपिक में स्वर्ण पदक जीतने वाले नीरज चोपड़ा ने बताया था कि उनके थ्रो से ठीक पहले उन्हें अपना भाला नहीं मिल रहा था और ढूंढ़ने पर वह पाकिस्तान के नदीम के पास मिला था। इसके बाद सोशल मीडिया पर नदीम को जमकर ट्रोल किया जाने लगा। इसके बाद नीरज ने वीडियो जारी कर कहा कि नदीम को इसके लिए ट्रोल न किया जाए। उन्होंने नफरत फैलाने वाले लोगों को जमकर फटकार लगाई थी। इसके बाद से कई बार दोनों की दोस्ती सामने आ चुकी है।
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