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आजादी के 75 साल बाद अंतागढ की धरती पर चली ट्रेन, स्टेशन पर उमड़ी भीड़

भिलाई। आजादी के 75 साल बाद पहली बार लोगों ने अंतागढ़ से ट्रेन को चलते देखा। बीएसपी की लाइफ लाइन रावघाट माइंस तक पहुंचने तैयार इस रेल लाइन का यह चौथा पड़ाव है।

अंतागढ़ से पैसेंजर चलने के बाद अब बीएसपी के लिए रेल मार्ग से माइंस की ढुलाई अंतागढ़ स्टेशन से आसानी से हो सकेगी। लोगों को सालभर से पैसेजर के शुरू होने का इंतजार था। रेलवे से हरी झंडी मिलने के बाद शनिवार को यहां से पैसेजर

का परिचलन शुरू हुआ। सशस्त्र सीमा बल के सुरक्षा घेरे में यह रेल लाइन तैयार की जा रही है। अंतागढ़ के बाद रेलवे का अगला टारगेट ताड़ोकी स्टेशन होगा। शनिवार को हुए पैसेंजर को हरी झंडी दिखाकर सांसद मोहन मंडावी, विधायक अनूप नाग, पूर्व सांसद विक्रम उसेंडी सहित रेलवे के डीआरएम श्याम सुंदर गुप्ता, बीएसपी के डायरेक्टर इंचार्ज अनिर्बन दास गुप्ता, रेलवे सेफ्टी कमिश्नर संजय गुप्ता, एसएसपी खोमन सिन्हा, एसएसबी के सेकंड इन कमान हरे राम साव सहित कई अधिकारी ने रवाना किया।

रोज रायुपर से चलेगी
यह पैसेंजर रोज 08818 नंबर के साथ प्रतिदिन अंतागढ़ से 13.35 बजे रवाना होकर 16.40 बजे दुर्ग स्टेशन पहुंचेगी। विपरीत दिशा में 08815 ट्रेन नंबर के साथ यह ट्रेन प्रतिदिन 09.15 बजे रायपुर से रवाना होकर 13.25 बजे अंतागढ़ स्टेशन पहुंचेगी।

ट्रेन में पहला टिकट अंतागढ़ निवासी शिराजउद्दीन ने अंतागढ़ से दुर्ग का लिया। बच्चे बुजुर्ग सभी ने ट्रेन की यात्रा का आनंद उठाया। पहले दिन लगभग 144 टिकट की बिक्री हुई जिससे 10 हजार 85 रुपए का राजस्व प्राप्त हुआ। पहली बार अंतागढ़ से चली इस ट्रेन के सफर का साक्षी बनने कई लोगों ने अंतागढ़ से केंवटी तक 17 किलोमीटर का सफर किया।

आयरन ओर ले जाने में होगी आसानी
अंतागढ़ तक ट्रैक पूरा होने के बाद बीएसपी को रावघाट से आयरन ओस को भिलाई तक लाने में आसानी होगी। अब तक सड़क मार्ग से लाया जा रह है। अंतागढ़ स्टेशन में 20 मीटर चौड़ और 7 सौ मीटर लंबा गुड्स प्लेटफा भी बनकर तैयार है। जल्द ही मालगाड के जरिए लौह अयस्क भिलाई इस्पात संयंत्र तक ले जाया जा सकेगा। गुदू से भानुप्रतापुर और केंवटी तक ट्रेन चलने के बाद भी एसएसबी लगाता ट्रैक पर पेट्रोलिंग कर रहा है। ताड़ोकी के ट्रैक पर भी काम तेजी से जारी है।

इसलिए लेट शुरू हुई ट्रेन
दरअसल, रावघाट रेल परियोजना के तहत दल्लीराजहरा से रावघाट तक 95 किमी रेल लाइन बिछाने का कार्य शुरू होने के बाद रेल लाइन साल 2017 में गुदुम पहुंच गई। साथ ही साल 2018 में भानुप्रतापपुर तक रेल लाइन बिछाने का काम पूरा हो गया। जिसके बाद आगे केंवटी तक पटरियां बिछाने का काम थोड़ी धीमी गति से शुरू हुआ। हालांकि साल 2019 में अंतागढ़ तक रेलवे लाइन बिछानी थी। लेकिन 2020 में कोरोना संक्रमण के कारण प्रोजेक्ट का काम प्रभावित होने लगा। यहीं से काम की रफ्तार धीमी होनी शुरू हुई थी।

लंबे इंतजार के बाद मिली राहत
अगस्त 2021 में अंतागढ़ तक रेल लाइन बिछाने के बाद टेस्टिंग का भी काम पूरा हो गया था। फिर विभागीय लेट लतीफी के चलते पैसेंजर ट्रेन का लाभ लेने के लिए लोगों को 2022 तक का इंतजार करना पड़ा। अब 3 साल बाद अंतागढ़ स्टेशन में पहली पैसेंजर ट्रेन पहुंचेगी। 13 अगस्त से रेल मार्ग के माध्यम से अंतागढ़ रायपुर से जुड़ गया है। ऐसे में लोगों को सहूलियत मिलेगी।



Source: Education