राजस्थान / मंडावा उपचुनाव के लिए कांग्रेस रीता चौधरी पर खेल सकती है दांव
जयपुर। Mandawa Byelection 2019: मंडावा विधानसभा सीट के लिए होने 21 अक्टूबर को होने वाले उपचुनाव में कांग्रेस रीता चौधरी को मैदान में उतार सकती है। 2018 के विधानसभा चुनाव में भी कांग्रेस ने रीता चौधरी पर दांव खेला था। हालांकि वे भाजपा के नरेंद्र कुमार खीचड़ से 2346 मतों के अंतर से चुनाव हार गई थीं।
मंडावा से विधायक रह चुकी हैं रीता चौधरी
रीता चौधरी मंडावा सीट से 2008 से 2013 तक विधायक रह चुकी हैं। 2008 के विधानसभा चुनाव में रीता चौधरी ने निर्दलीय नरेेंद्र कुमार खीचड़ को हराया था। 2012 में रीता चौधरी के पिता और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राम नारायण चौधरी के निधन के बाद 2013 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने उनको टिकट देने से मना कर दिया था। टिकट नहीं मिलने के बाद रीता ने बतौर निर्दलीय उम्मीदवार चुनाव लड़ा, लेकिन वे चुनाव नहीं जीत सकीं।
आजादी के बाद पहली मंडावा में 2018 में खिला कमल
दिग्गज कांग्रेसी नेता रामनारायण चौधरी ने अपने राजनीतिक कॅरियर के दौरान 7 बार मंडावा सीट का प्रतिनिधित्व किया था। कांग्रेस की परंपरागत सीट रही मंडावा में 2018 के विधानसभा चुनाव में नरेंद्र कुमार खीचड़ ने आजादी के बाद पहली बार कमल खिलाया था। अब उनके सांसद बनने के बाद यह सीट खाली हो गई है।
2013 में बतौर निर्दलीय उम्मीदवार चुनाव जीते थे नरेंद्र
नरेंद्र कुमार खीचड़ इससे पहले 2013 में यहां से बतौर निर्दलीय उम्मीदवार चुनाव जीते थे। दूसरा स्थान निर्दलीय रीता चौधरी को मिला था। तीसरे स्थान भाजपा के सलीम तंवर रहे थे। वहीं कांग्रेस को चौथा स्थान को मिला था। राजस्थान में कांग्रेस की सरकार है और केंद्र में भाजपा नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) की सरकार है। विधानसभा चुनाव में जहां कांग्रेस ने बाजी मारी थी, वहीं लोकसभा चुनाव में प्रदेश की 25 सीटों में से किसी पर भी कांग्रेस काबिज नहीं हो सकी थी। ऐसे में अब दोनों पार्टियों के लिए उपचुनाव किसी अग्निपरीक्षा से कम नहीं है।
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