fbpx

थायलैंड में जॉब का लालच दे म्यांमार में 300 भारतीयों को बंधक बना करा रहे साइबर क्राइम

म्यांमार के म्यावाडी के एक गिरोह ने 300 से अधिक भारतीयों को बंधक बनाकर रखा है और उन्हें साइबर अपराध के लिए विवश कर रहे हैं। इन लोगों को ऐसे क्षेत्र में बंधक बनाकर रखा गया है जहां म्यांमार की सरकार का कंट्रोल नहीं है। ये इलाका पारंपरिक आर्म्ड ग्रुप्स के कंट्रोल में है। केवल भारतीय ही नहीं बल्कि कई अन्य देशों के लोगों को भी बंधक बनाकर रखा गया है। बंधक बनाने वाले गिरोह म्यावाड्डी के हैं।

अवैध काम करने से मना करने पर दी जाती है यातना

दरअसल, ये मामला तब सामने आया जब एक तमिल युवक एक SOS वीडियो के वायरल हुआ। इस वीडियो में उसने तमिलनाडु और भारत सरकार से मदद की गुहार की है। इस शख्स ने वीडियो में अपनी आपबीती बताई है। उसने कहा, “हमें दिन में 15 घंटे काम करने के लिए मजबूर किया जाता है और यदि हम ऐसा करने से मना करें तो हमें पीटा जाता है, इलेक्ट्रिक शॉक किया जाता है। हम से जबरन साइबर क्राइम करवाया जा रहा है।”

म्यांमार में 300 भारतीय बंधक

रिपोर्ट के अनुसार म्यावाड्डी Kए इस गैंग ने करीब 300 से अधिक भारतीयों को थायलैंड में जॉब देने का झांसा देकर म्यांमार में बंधक बनाकर रखा है। इसमें तमिलनाडु के करीब 60 लोग हैं। इसके आलवा अन्य देश के लोग भी इस इंटरनेशनल गिरोह का शिकार हो रहे हैं। वहीं, कराईकलमेडु के एक मछुआरे ने पुडुचेरी में कराईकल के डीसी से अपने बेटे को बचाने की अपील की है, जो भारतीय बंधकों में से एक है।

यह भी पढ़े- सिद्धू मूसेवाला की मौत का बदला लेने के लिए संदीप बिश्नोई की हुई हत्या! इस गैंग ने ली जिम्मेदारी

मछुवारे ने दूसरे बेटे ने बताया कि उसका बड़ा भाई दुबई में डेटा एंट्री ऑपरेटर के तौर पर काम करता था। इस साल की शुरुआत में,उसे पदोन्नति दी गई और कहा गया कि वे उसे अपने थाईलैंड कार्यालय में ले गए। थाईलैंड से उसे गैर कानूनी तरीके से म्यांमार ले जाकर कैद कर लिया गया।

बता दें कि इसी वर्ष 5 जुलाई को भारतीय दूतावास ने नौकरी के नाम पर झांसा देने वाले अपराधियों से दूर रहने के लिए एक एडवाइजरी भी जारी की थी। रिपोर्ट्स के मुताबिक अब तक इस मामले में 30 से अधिक भारतीयों को बचाया गया है और बाकी को बचाने के लिए प्रयास जारी हैं।



Source: National