तत्कालीन CM नरेंद्र मोदी को फंसाना चाहती थीं तीस्ता, SIT की चार्जशीट में दावा
सामाजिक कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़ और अन्य दो के खिलाफ आज गुजरात के SIT ने अहमदाबाद की कोर्ट में अपनी चार्जशीट दाखिल की है। इसमें दावा किया गया है कि तीस्ता सीतलवाड़ ने 2002 के गोधरा दंगों के संबंध में गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी, उनके कैबिनेट सहयोगियों और वरिष्ठ भाजपा नेताओं के खिलाफ झूठे मामले बनाने की साजिश रची थी। तीस्ता की साजिश में पूर्व आईपीएस आरबी श्रीकुमार और संजीव भट्ट भी थे जो सरकार का ही हिस्सा थे और समय-समय पर फर्जी डोकउमनेट्स तैयार करके उसकी आधिकारिक एंट्री करके तीस्ता को भेजा करते थे।
कांग्रेस नेताओं के साथ तीस्ता ने मिलकर किया काम: SIT
इस चार्जशीट में दावा किया गया है कि सीतलवाड़ ने दंगा पीड़ितों के बीच ये गलतफहमी फैलाने के लिए कांग्रेस नेताओं के साथ मिलकर काम किया था कि गुजरात उनके लिए सुरक्षित स्थान नहीं है।
अहमदाबाद सेशन कोर्ट में एसआईटी द्वारा दायर किये गए 100 पन्नों की चार्जशीट में कहा गया है कि फर्जी दस्तावेजों, फर्जी एफिडेविट तैयार की गई थी और इसके लिए कई वकीलों को काम पर लगाया गया था। पीड़ितों को मामला राज्य से बाहर ले जाने के लिए भी उकसाया गया और उनके नाम पर काल्पनिक कहानियाँ बनाई गईं। गवाहों पर दबाव बनाया गया कि वो इन कहानियों पर साइन करें। ऐसा करके तत्कालीन सीएम नरेंद्र मोदी के राजनीतिक करियर को ही खत्म करने और उन्हें मौत की सजा हो इसकी साजिश रची गई।
IPC की धारा के तहत लगाए गए आरोप
इन तीनों के खिलाफ IPC की धारा 468 (धोखाधड़ी के उद्देश्य से जालसाजी), 194 (मौत की सजा दिलाने के इरादे से झूठे सबूत देना या गढ़ना), 211 (किसी व्यक्ति के खिलाफ आपराधिक कार्यवाही शुरू करना या उस पर झूठा आरोप लगाना) के तहत आरोप लगाया गया है। इसके अलावा 218 (लोक सेवक द्वारा गलत रिकॉर्ड तैयार करना या किसी व्यक्ति को सजा से बचाने के इरादे से लिखना) और भारतीय दंड संहिता की धारा 120 (B) (आपराधिक साजिश) के तहत आरोप लगाए गए हैं।
बता दें कि जून के अंतिम सप्ताह में तीस्ता सीतलवाड़ को गिरफ्तार किया गया था। तीस्ता को सुप्रीम कोर्ट के दो सितंबर के आदेश के बाद अंतरिम जमानत पर रिहा कर दिया था।
Source: National