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MP में बारिश से बर्बाद हुई फसल और कर्ज से परेशान किसान ने खुद पर किया हमला

राजगढ़। लगातार बारिश से फसल की बर्बादी और कर्ज से परेशान किसान (Farmer) ने चाकू से खुद का गला रेत ( Farmer attack himself-slits his own throat with a knife) लिया। शुक्र है कि समय पर इलाज शुरू हो जाने से उसकी जान बच गई। राजगढ़ से 3 किलोमीटर दूर सरेड़ी गांव के निवासी भारत सिंह (Farmer) की 15 बीघा जमीन है। उन्होंने तीन लाख का कर्ज लेकर फसल लगाई।

पिछले 3 दिनों से हो रही बारिश से फसल बर्बाद हो गई। खेतों में लगी फसलों की हालत देखकर वे सदमे में आ गए, क्योंकि भारत सिंह (Farmer) को उम्मीद थी की जिस तरह खेतों में सोयाबीन की फसल लहरा रही है, उससे न सिर्फ उनका कर्ज चुका देगा बल्कि परिवार के पालन-पोषण के भी काम आएगी।

मामले में थाना प्रभारी उमेश यादव ने बताया कि पुलिस जांच कर रही है। डिप्टी कलेक्टर रोशनी वर्धमान ने बताया, मरीज अभी बयान देने की स्थिति में नहीं है। डॉक्टर ने उसे नहीं बोलने की सलाह दी है। ऐसे में अभी कुछ नहीं कहा जा सकता।

किसानों के लिए की थी ऋण ब्याज में राहत की घोषणा
वहीं इससे पहले मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अगस्त 2022 में कहा था कि उनकी सरकार उन किसानों के ऋण पर ब्याज का भुगतान करेगी जिनका कांग्रेस की पिछली सरकार द्वारा कर्ज माफी के वादे के बावजूद ऋण माफ नहीं किया।

मोतीलाल नेहरू स्टेडियम में स्वतंत्रता दिवस समारोह को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि सरकार के इस कदम से किसानों को राहत मिलेगी। मुख्यमंत्री ने यहां कहा था कि पिछली सरकार ने वादे के बावजूद कई किसानों के कर्ज माफ नहीं किए। इन ऋणों पर ब्याज बढ़ता रहा। मेरी सरकार द्वारा इस तरह के ऋण पर ब्याज की राशि जमा की जाएगी ताकि किसानों को राहत मिले।

ज्ञात हो कि कांग्रेस ने 2018 के विधानसभा चुनाव से पहले कृषि ऋण माफी का वादा किया था। भाजपा आरोप लगा रही है कि कई किसानों ने इस योजना में शामिल होने का विश्वास करते हुए ऋण राशि चुकाना बंद कर दिया।

कृषि क्षेत्र में विविधीकरण योजना की घोषणा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि किसान और उनके निजी भागीदार तिलहन एवं औषधीय पौधों की खेती में संलग्न हो सकते हैं, हालांकि इसमें चावल और गेहूं की खेती शामिल नहीं होगी।

मुख्यमंत्री ने इस दौरान अपने भाषण में कहा कि राज्य ने 19.74 प्रतिशत की आर्थिक वृद्धि दर्ज की है, क्योंकि पिछले दो सालों में पूंजीगत व्यय में 45 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।



Source: Education