छत्तीसगढ़ में जैविक खेती पर जोर, खत्म की जाएगी रासायनिक खाद पर निर्भरता
रायपुर. छत्तीसगढ़ में रासायनिक खाद पर निर्भरता को खत्म करने और जैविक खेती को प्रोत्साहित करने पर जोर दिया जा रहा है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इसके लिए जैविक खेती को अलग-अलग पैच में कराने के बजाय क्लस्टर में कराने की बात कही है। उन्होंने कलेक्टर कॉन्फ्रेंस के दूसरे दिन सचिव स्तर के अधिकारियों से विभिन्न विभागों की योजनाओं के क्रियान्वयन पर जानकारी लेते हुए विभागीय समीक्षा की।
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कृषि विकास एवं किसान कल्याण तथा जैव प्रौद्योगिकी विभाग की समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि गर्मी में धान की फसल के लिए बांधों से पानी नहीं देना चाहिए, ताकि जुलाई के समय के लिए पानी बांधों में रहे। गर्मी के सीजन में दलहन-तिलहन को प्रोत्साहित किया जाए। वहीं मुख्यमंत्री ने धान के अलावा दूसरी फसलों में भी वर्मी कम्पोस्ट के इस्तेमाल को प्रोत्साहित करने को कहा। उन्होंने कहा कि राज्य में किसानों को वर्मी कम्पोस्ट उपलब्ध कराते रहें और वर्मी कम्पोस्ट के उपयोग के लिए किसानों को प्रेरित करें। इससे कृषि के लिए रासायनिक खाद पर निर्भरता खत्म होगी और जैविक खेती को बढ़ावा मिलेगा। जैविक खेती को अलग-अलग पैच की बजाय क्लस्टर में कराने के निर्देश मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को दिए हैं।
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गौठान निर्माण को लेकर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि बड़े आश्रित गांवों में भी गौठान का निर्माण होना चाहिए। गौठान समितियों को निर्देशित करते हुए उन्होंने कहा कि बहुत से किसानों ने लोन लिया है, लेकिन उन किसानों को वर्मी कम्पोस्ट नहीं मिला है। ऐसे किसानों के पास वर्मी कम्पोस्ट पहुंचना सुनिश्चित किया जाए।
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Source: Education