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मध्य प्रदेश के सबसे अमीर विनोद अग्रवाल देश के दानवीरों की सूची में 34वें नंबर पर, जानें एक साल में कितना किया दान

इंदौर. देश के अमीर लोगों की सूची में शामिल इंदौर के कोल कारोबारी विनोद अग्रवाल ( Vinod Aggarwal) के नाम एक और उपलब्धि जुड़ गई है। वे मध्य प्रदेश के दानवीरों की सूची में पहले पायदान पर काबिज हो गए हैं। वहीं, देशभर के दानवीरों की सूची में विनोद अग्रवाल ( Vinod Aggarwal) 34वें पायदान पर हैं और वे मप्र से अकेले हैं। इस सूची में पहले नंबर पर आइटी कंपनी एचसीएल के संस्थापक व देश के प्रमुख उद्यमी शिव नादर ( Shiv Nadar) और दूसरे नंबर पर विप्रो के फाउंडर अजीज प्रेमजी ( Aziz Premji) हैं। एडलगिव हुरुन इंडिया (EdelGive Hurun India) ने वित्तीय वर्ष 2022 में दान करने वाले देश के प्रमुख दानदाताओं की लिस्ट गुरुवार को जारी की। सूची में पहले नंबर पर साल में 1161 करोड़ यानी हर दिन करीब 3 करोड़ रुपए दान करने वाले शिव नादर का नाम शामिल है। वहीं, 484 करोड़ दान करने वाले अजीज प्रेमजी ( Aziz Premji) दूसरे स्थान पर हैं। वहीं, इस सूची में इंदौर के बड़े उद्योगपति व कोल कारोबारी विनोद अग्रवाल ( Vinod Aggarwal) का नाम 34वें नंबर पर है।

2021 की सूची में अग्रवाल 66वें नंबर पर थे

उद्योगपति विनोद अग्रवाल ( Vinod Aggarwal) ने एक साल में 25 करोड़ रुपए का दान किया है। पिछले साल 12 करोड़ का दान कर वे सूची में 66वें स्थान पर थे। विनोद अग्रवाल हेल्थकेयर, एजुकेशन आदि कामों में बालाजी सेवार्थ विनोद अग्रवाल फाउंडेशन के नाम से दान के काम करते हैं। पिछले महीने आइआइएफएल हुरुन ने भारत के एक हजार करोड़ से अधिक संपत्ति वाले 1037 अमीरों की सूची जारी की थी। सूची में विनोद अग्रवाल ( Vinod Aggarwal) 294वें नंबर पर थे। वे मध्यप्रदेश में सबसे अमीर कारोबारी के रूप मेें सामने आए थे। उनकी नेटवर्थ करीब 6 हजार करोड़ रुपए है।

दान से कर रहे स्थायी काम, ताकि लोगों को सालों तक मिल सके लाभ: अग्रवाल
कारोबारी विनोद अग्रवाल ( Vinod Aggarwal) के मुताबिक, वे करीब 12 साल से फाउंडेशन के माध्यम से सेवा कार्य कर रहे हैं। सारे काम अपनी मां के नाम से करते हैं। उज्जैन में अन्नक्षेत्र का निर्माण कराया जा रहा है। इंदौर में स्वास्थ्य क्षेत्र में कई काम कराए गए हैं, जिसमें डायलिसिस सेंटर व ब्लड डोनेशन सेंटर भी शामिल है। अन्नपूर्णा मंदिर के जीर्णोद्धार में भी अग्रवाल भूमिका निभा रहे हैं। अग्रवाल के मुताबिक, वे ऐसे काम करते हैं, जो स्थायी हो, ताकि आने वाले 50 सालों तक जरूरतमंदोंं को उसका फायदा मिलता रहे।



Source: Education