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कोठारी नदी में फेल रहा प्रदूषण, जयपुर में होगा मंथन

भीलवाड़ा।
Rajasthan Pollution Control Board प्रदेश में बढ़ते प्रदूषण व बिगड़ते पर्यावरण संतुलन को लेकर जयपुर में मुख्य सचिव की अध्यक्षता में गुरुवार से दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला होगी। इसमें भीलवाडा़ से जिला कलक्टर, राजस्थान प्रदूषण नियंत्रण मंडल के क्षेत्रीय अधिकारी, नगर निकाय के अधिकारी आदि हिस्सा लेंगे। इसमें नदी-नालों में प्रदूषित पानी रोकने तथा सिंगल यूज प्लास्टिक के निस्तारण पर मंथन होगा।

भीलवाड़ा में यहां प्रदूषण ज्यादा
कोठारी में मिल रहा सिटीसीवेज
Rajasthan Pollution Control Board शहर की प्रमुख समस्या कोठारी नदी है, जिसमें शहर का लगभग ४५० लाख लीटर सिटीसीवेज (प्रदूषित पानी) आ रहा है। इसमें केवल सौ लाख लीटर के मल-जल उपचार संयंत्र (एसटीपी) की स्थापना की है। इससे सौ लाख लीटर पानी रिसाइकल किया जा रहा है। शेष ३५० लाख लीटर प्रदूषित पानी प्रतिदिन कोठारी में बहाया जा रहा है। इससे आसपास गांवों के कुओं का पानी खराब हो रहा है। इस दूषित पानी के निस्तारण के लिए कोठारी किनारे तथा आरसी व्यास कॉलोनी के पास ३० एमएलडी क्षमता का एसटीपी का निर्माण जारी है।

बायो मेडिकल वेस्ट का निस्तारण नहीं
जिले में ११८ सरकारी व ११९ गैर सरकारी चिकित्सालय हैं। इनमें ५० से अधिक ने राजस्थान प्रदूषण नियंत्रण मंडल में पंजीयन नहीं कराया है। शहर में बायोमेडिकल वेस्ट कुवाड़ा खान व तिलकनगर क्षेत्र में नजर आता है। हालांकि निस्तारण के लिए अजमेर की सेल्स प्रमोटर्स ने वाहन लगा रखे है लेकिन अस्पतालों से बायो मेडिकल वेस्ट पूरी तरह नहीं उठाया जा रहा।

रोजाना निकलता १५० टन कचरा
शहर के वार्डों से प्रतिदिन १५० टन ठोस कचरा निकल रहा है। निस्तारण के लिए नगर परिषद ने ऑटो टीपर, डम्पर लगा रखे है। कीरखेड़ा में १७२ बीघा जमीन में ट्रेंचिग ग्राउण्ड है। कचरे के निस्तारण के लिए ७५ टन क्षमता का कम्पोस्ट प्लांट है, जिसका संचालन नहीं हो रहा है। डम्पर चालक कचरे को कीरखेड़ा के बजाय कुवाड़ा, तिलकनगर आदि स्थानों पर खाली कर देते हैं।



Source: Education