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कतर में भारतीय सेना के 8 पूर्व अधिकारी गिरफ्तार, एक राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित, जानें पूरा माजरा

Navy Officers Arrested in Qutar: भारतीय नौसेना के 8 पूर्व अधिकारियों को कतर में गिरफ्तार कर लिया गया है। ये लोग वहां एक कंपनी में नौकरी कर रहे थे। इन अधिकारियों की गिरफ्तारी के बाद उनके परिजनों में कोहराम मचा है। परिजन भारतीय सरकार से उनकी सकुशल रिहाई की मांग कर रहे हैं। इस बीच आज भारतीय विदेश मंत्रालय ने इस मामले पर विस्तृत जानकारी दी है।

भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि भारतीय उच्चायोग कतर के उच्चायोग से संपर्क में है। सरकार को अभी तक इस बात की जानकारी नहीं मिली है कि भारतीय नौसेना अधिकारियों को किस आरोप में गिरफ्तार किया गया है। लेकिन हम लोग जानकारी जुटा रहे है। सरकार इन सभी को सकुशल वापस लाने के लिए हरसंभव कोशिश कर रही है।

 

राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित एक अधिकारी भी गिरफ्तार

मालूम हो कि कतर पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए भारत के पूर्व नौसैनिक में एक राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित अधिकारी भी शामिल हैं। मिली जानकारी के अनुसार राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित कमांडर पूर्णंदू तिवारी सहित सात अन्य अधिकारियों को कतर में गिरफ्तार किया गया है। बताया गया कि ये सभी कतरी एमिरी नौसेना को प्रशिक्षण और अन्य सेवाएं प्रदान करने वाली कंपनी में काम करते थे।

रक्षा सुरक्षा और उपकरणों के रखरखाब की कंपनी में करते थे काम

बता दें कि ये पूर्व नौसेना अधिकारी दहरा ग्लोबल टेक्नोलॉजीज एंड कंसल्टेंसी सर्विसेज नामक कंपनी में काम कर रहे थे। जो कि खुद को रक्षा सुरक्षा और अन्य सरकारी एजेंसियों के स्थानीय व्यापार भागीदार और रक्षा उपकरण संचालन और रखरखाव संबंधी प्रमुख दक्षताओं के रूप में वर्णित करती है। इस कंपनी में सीईओ, खामिस अल अजमी, रॉयल ओमान वायु सेना के एक सेवानिवृत्त स्क्वाड्रन लीडर है।

57 दिनों से अवैध हिरासत में भारतीय अधिकारी

इन अधिकारियों की गिरफ्तारी की जानकारी मीतू भार्गव नामक एक यूजर के ट्वीट से सामने आई थी। मीतू भार्गव ने ट्वीट में लिखा है कि “सभी दोहा में 57 दिनों से अवैध हिरासत में हैं.” जिसमें प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री एस जयशंकर, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप पुरी सहित कई मंत्रियों को टैग किया गया था। जिसके बाद से गिरफ्तार किए गए अधिकारियों के परिजन चिंता में जी रहे हैं।

 



Source: National