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expert talk: फोकस रखें और मेहनत करें, मेहनत से ही मिलती है सफलता

ग्वालियर। हाइस्कूल हो या फिर हायर सैकंडरी अच्छे नंबर लाने के लिए मेहनत करना बहुत अच्छी बात है, लेकिन अच्छे नंबर न आएं तो इससे निराश भी नहीं होना चाहिए। जरूरी यह नहीं कि आपके प्रोफाइल में 90 प्रतिशत नंबर हों, यह भी जरूरी नहीं कि किसी ज्यादा खर्च वाले स्कूल से पढें तभी अच्छे नंबर आएंगे। जरूरी यह है कि जो भी करना है उसको लेकर लक्ष्य बहुत केन्द्रित होना चाहिए।

यह भी जरूरी नहीं कि प्रशासनिक सेवा के लिए ही तैयारी की जाए अगर किसी का मन व्यवसाय में लग रहा है या फिर कोई खेल में बेहतर करने का उद्देश्य लिए है तो फिर अपने उद्देश्य के प्रति पूरी ईमानदारी से फोकस करके लग जाना चाहिए। यह कहना है कि भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी और जिला पंचायत सीईओ आशीष तिवारी का। उन्होंने युवाओं को करियर के प्रति लक्ष्य केन्द्रित करने को लेकर सीख दी है। उन्होंने यह भी कहा कि सफल होने के लिए सकारात्मक दृष्टिकोण के साथ लगातार प्रयास करते रहना बेहद अनिवार्य है। उन्होंने करियर को लेकर पत्रिका से बात की। पेश हैं बातचीत के कुछ प्रमुख अंश।

प्रश्र: वर्तमान में युवाओं को सबसे ज्यादा तनाव करियर को लेकर रहता है, इस तनाव से कैसे बचें?
उत्तर: यह सही है कि तनाव रहता है। इससे बचने के लिए अच्छा पढ़े और मंथन करें।स्टडी से जब मन उचटे तो जबरदस्ती दिमाग पर थकाएं नहीं, बल्कि घर में या दोस्तों में बात करें।

प्रश्र: क्या जरूरी है कि ज्यादा नंबर आने पर ही सभी जगह एंट्रेंस मिलता है?
उत्तर: नंबर अच्छे आएं यह अच्छा है, लेकिन नंबर अच्छे ही आएं यह जरूरी नहीं। प्रशासनिक सेवा में नंबर मायने नहीं रखते, बल्कि लक्ष्य के लिए कितने प्रतिशत समर्पण है यह मायने रखता है। पढ़ाई से भले ही नौकरी लगे या न लगे लेकिन आपको बेहतर नागरिक बनने में जरूर मदद मिलेगी।

प्रश्र: अगर कोई फ्रैशर यूपीएससी की तैयारी करना चाहे तो कैसे करे?
उत्तर: देखिये, स्कूल,स्नातक या परास्नातक में आपने कितने नंबर हासिल किए। इससे यूपीएससी की तैयारी में कोई असर नहीं होता। बिलकु़ल क्लीन स्लेट की तरह तैयारी शुरू करना होती है। गहराई से अध्ययन और विषय पर पकड़ बेहद जरूरी है। एक टाइम स्लॉट बनाएं। स्मार्ट स्टडी करें और जितनी देर पढ़े उतनी देर आपका मन सिर्फ किताब पर ही होना चाहिए।

प्रश्र: सरकारी स्कूल से पढ़ाई करने वाले छात्रों में थोड़ी सी हीनभावना होती है, क्या कहेंगे?
उत्तर: मेरे पिताजी श्री प्रमोद कुमार तिवारी बीएसएनएल में कार्यरत रहे हैं और मेरी स्कूली शिक्षा छतरपुर जिले में ही हुई है। मैंने शासकीय उत्कृष्ट हायर सैकंडरी स्कूल से ही पढ़ाई की है। बाद में एनआईटी जमशेदपुर से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में बीटेक किया। सरकारी स्कूल में पढऩे वाले छात्रों को हीन भावना रखने की बजाय शिक्षा को हासिल करने पर मेहनत करना चाहिए।

प्रश्र: प्रशासनिक सेवा में आने को लेकर कहां से प्रेरणा मिली?
उत्तर: इंजीनियरिंग के बाद मैं आईओसीएल में असिस्टेंट मैनेजर के पद पर नियुक्त हुआ। पहले ऐसा कुछ लक्ष्य नहीं था, लेकिन फिर आइएएस की जीवन शैली और उनके चैलेंजिग लाइफ स्टायल को देखा तो प्रशासनिक सेवा की तैयारी की और पहले ही प्रयास में छठवीं रैंक हासिल की। कहना यह है कि अगर आपका प्रयास सच्चा है तो फिर यूपीएससी हो या फिर व्यापार या खेल आपको सफल होने से कोई पीछे नहीं कर सकता।



Source: Education