Breast Milk Donation: 10 महीने में 55 लीटर 'स्तन दूध' दानकर इस महिला ने बनाया रिकॉर्ड, खुद की है डेढ़ साल की बेटी
Breast Milk Donation: मां का दूध नवजात शिशु के लिए अमृत के समान होता है। लेकिन कई बच्चे ऐसे हैं जिन्हें यह अमृत नहीं मिल पाता। ऐसे बच्चों को मां का दूध मिले, इसी सोच के साथ स्तन दूध दान की मुहिम चलाई जा रही है। इस मुहिम में शामिल एक महिला ने 10 महीने में 55 लीटर स्तन दूध दानकर रिकॉर्ड बनाया है। यह महिला तमिलनाडु के कोयबंटूर की रहने वाली है। उनकी खुद की डेढ़ साल की बेटी है, इसके बाद भी उन्होंने 10 महीने में 55 लीटर स्तन दूध का दान किया है।
कोयंबटूर के पास कोन्यूर की रहने वाली सिंधु मोनिका ने स्तन दूध दान के क्षेत्र में यह उपलब्धि हासिल की है। सिंधु के पति प्रोफेसर महेश्वरन करुमथंबट्टी भी पत्नी की उपलब्धि पर प्रसन्न है। उन्होंने बताया कि सिंधू का नाम इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में दर्ज कर लिया गया है। सिंधू बीते 10 माह में 55 लीटर मां का दूध दान कर चुकी है।
सोशल मीडिया से मिली स्तन दूध दान की जानकारी
सिंधु मोनिका ने बताया कि उन्हें सोशल मीडिया के जरिए स्तन दूध दान के बारे में जानकारी मिली। जिसके बाद में मैंने इसे दान करने का फैसला लिया। सोशल मीडिया के जरिए ही मेरी तिरुपुर के अनिवासी इलाके में स्तन दूध के भंडारण के काम करने वाली संस्था अमृतम थाई पाल दानम के बारे में जानकारी मिली। सिंधु ने आगे बताया कि संगठन की रूपा ने स्तन दूध को स्टोर करने के बारे में बताया। फिर उन्हीं के बताए अनुसार मैं स्तन दूध को स्टोर कर संस्था को देने लगी।
सिंधु बोलीं- स्तनपान से खूबसूरती कम होना एक भ्रांति
संस्था से उस दूध को कोयंबटूर के सरकारी अस्पताल में दान कर दिया गया है। सिंधु की इस नेक पहल के उनका नाम इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स के पास भेजा गया था। जहां से जांच के बाद उनका नाम रिकॉर्ड कर लिया गया है। सिंधु के पास इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स का प्रमाण पत्र और पदक भी आ गया है। सिंधु ने कहा कि मुझे स्तन दूध का दान कर काफी अच्छा महसूस हो रहा है। मेरी दूध को पीकर न जाने कितनों बच्चे कुपोषण से जंग जीत सकेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि स्तनपान से खूबसूरती कम होना एक भ्रांति है। स्तनपान से एक गजब का सुख मिलता है।
कम वजन वाले कुपोषित बच्चों को दिया जाता है मां का दूध
दूसरी ओर अमृतम ब्रेस्ट मिल्क डोनेशन की कोऑर्डिनेटर रूपा ने बताया कि हम स्तन दूध दान की एक प्रणाली चला रहे है। इसके जरिए हम स्तनपान कराने वाली माताओं से दूध लेते है। फिर उसे ब्रेस्ट मिल्क बैंक को सौंप देते है। जो कम वजन वाले कुपोषित बच्चों को दिया जाता है।
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Source: National