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कैंसर की ऐसी दवा बनाने वाले थे जो कारगर रहती, वरिष्ठ वैज्ञानिक की संदिग्ध हालत में मौत

इंदौर. कैंसर की दवा पर शोध कर रहे वरिष्ठ वैज्ञानिक बृजगौरव (36) पिता राधेश्याम शर्मा निवासी ग्राम नरहोली, मथुरा (उत्तरप्रदेश) की शनिवार रात संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। विजय नगर थाने के एएसआइ बीके जाटव ने बताया कि परिचित उन्हें होटल से निजी हॉस्पिटल लेकर पहुंचे थे, जहां डॉक्टर ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। वे सांवेर रोड की फैक्ट्री में वैज्ञानिक रिसर्च के लिए आए थे। घटना को संदिग्ध मानकर जांच कर रहे हैं।
बृजगौरव के बड़े भाई वीके शर्मा रविवार को एमवाय अस्पताल पहुंचे। उन्होंने बताया कि वे मध्य रेलवे नागपुर में लोको पायलट हैं। शनिवार को गुर्जर लैब के मालिक वीरेंद्र मंडलोई ने छोटे भाई की तबीयत खराब होने की सूचना दी और कुछ देर बाद बताया कि उनका निधन हो गया है। बृजगौरव हैदराबाद की एनबीआइ लाइफ साइंस में वरिष्ठ वैज्ञानिक थे और कैंसर की दवाओं पर शोध कर रहे थे। हर्बल औषधियों से कैंसर के उपचार पर उनका शोध अमरीका की शोध पत्रिका में प्रकाशित हुआ था। वीके शर्मा का कहना है कि बृजगौरव ऐसी दवा बनाने वाले थे, जो बेहद कारगर होती। वे इंदौर 7 दिन के लिए आए थे। होटल और हॉस्पिटल के बीच की दूरी 3 मिनट है। भाई की मौत की परििस्थति संदिग्ध लग रही है। सीधा किसी पर आरोप नहीं लगा सकते, लेकिन प्रतिस्पर्धा हो सकती है, क्योंकि वे तेजी से आगे बढ़ रहे थे। होटल के सीसीटीवी फुटेज को पुलिस जांच में शामिल करे।
लॉक मोबाइल से निकाला नंबर
गुर्जर फाइटोकेम कंपनी के मालिक वीरेंद्र मंडलोई ने बताया, बृजगौरव ने पूरी रात उल्टी-दस्त होना बताया था, लेकिन कोई टेबलेट लेने की जानकारी नहीं दी। वे दो होटलों में रहे। उज्जैन भी गए थे, तब ठीक थे, लेकिन होटल पहुंचने पर तबीयत खराब हो गई। उनके लॉक मोबाइल में बड़े भाई, छोटे भाई, माता-पिता का नंबर सेव था। नंबर निकालकर बड़े भाई से संपर्क किया। दो दिन से वे जिस होटल में रह रहे थे, वहां जूस, छाछ, नमक रखा था।



Source: Education