बार बार यदि कान में हो खुजली तो ध्यान दें
कान हमारा अहम अंग है। सुनने में समस्या से दैनिक कार्य प्रभावित होते हैं। सुनाई देने की क्षमता को सुरक्षित रखने के लिए जागरुकता भी जरूरी है। ब्रेन स्टेम इम्प्लांट नया इलाज है। जिन मरीजों में कॉक्लिया ही न बना हो उनके दिमाग में इसे इम्प्लांट करते हैं।
05 प्रतिशत लोगों में मर्जी से डाली गई इयर ड्रॉप से सुनने की क्षमता कम हो जाती है।
प्रेग्नेंसी में रखें खयाल
सुनाई न देना या कम सुनना उम्र के अनुसार विभिन्न कारणों से हो सकता है। उम्रदराज और शिशुओं में इस समस्या के मामले ज्यादा देखे जाते हैं। प्रेग्नेंसी में तेज आवाज सुनने से सीधे तौर पर तो नहीं लेकिन महिला के तनाव में आने से गर्भस्थ शिशु की सेहत प्रभावित होती है। कानों से कम सुनना, दर्द होना, कान में से तरल बहना और लगातार खुजली होने को बिल्कुल न टालें। अचानक सुनाई ेदेना बंद होना मेडिकल इमरजेंसी हो सकती है। इसके लिए तुरंत विशेषज्ञ को दिखाना चाहिए।
कई हैं वजह, ध्यान दें
बुजुर्गों में बढ़ती उम्र के प्रभाव से सुनने की क्षमता में कमी आती है। वहीं पे्रग्नेंसी में वायरल इंफेक्शन या किसी प्रकार की चोट लगने, फैमिली हिस्ट्री, जन्म के बाद लंबे समय तक पीलिया रहने, ब्रेन या चेहरे की बनावट में गड़बड़ी, तालू पूरा न बने होने, समयपूर्व प्रसव से शिशु के सुनने की क्षमता पर असर होता है। एंटीबायोटिक व किडनी रोग की दवाएं भी सुनने की क्षमता कम करती हंै।
सालभर की उम्र तक कॉक्लियर इम्प्लांट जरूरी
जो बच्चे पैदाइशी बिल्कुल नहीं सुनते उनमें कारण को जानते हैं। कई बार कान के अंदरुनी अंगों का निर्माण नहीं होता। कुछ मामलों में नस व कान बने होने के बावजूद कॉक्लिया काम नहीं कर रहा होता। ऐसे में सबसे पहले हियरिंग एड लगाते हैं। इससे भी फर्क न पड़े तो कॉक्लियर इम्प्लांट करते हैं। सालभर की उम्र तक कॉक्लियर इम्प्लांट इसलिए जरूरी है क्योंकि इस उम्र में ही बच्चा आसपास के लोगों के शब्दों को सुनकर बोलना सीखता है। बचाव के तौर पर स्वस्थ व्यक्ति तेज आवाज के ज्यादा संपर्क में न रहें। ईयरप्लग ज्यादा देर प्रयोग में न लें। यदि लेना भी है तो आवाज धीमी ही रखें। हैवी ट्रैफिक, शोरशराबे से यदि असहज महसूस करते हैं तो दूरी बनाएं। मर्जी से कोई भी दवा या ड्रॉप कान में न डालें। कान में पानी बिल्कुल न जाने दें।
एक्सपर्ट : डॉ. अमित गोयल, एडिशनल प्रोफसर एंड एचओडी, ईएनटी विशेषज्ञ, एम्स, जोधपुर
Source: Health