खेलरत्न के लिए चयनित शरथ कमल बोले… हमेशा टेबल टेनिस को उस मुकाम पर लेना जाना चाहा, जहां उसे उचित सम्मान मिले
नई दिल्ली. देश के सर्वाच्च खेल सम्मान मेजर ध्यानचंद खेल रत्न पाना हर खिलाड़ी का सपना होता है और जब यह सम्मान आपको मिलता है तो आपने मनोबल को बढ़ाता है। इस बार खेल रत्न टेबल टेनिस के 40 वर्षीय दिग्गज खिलाड़ी अचंता शरथ कमल को मिलेगा। वह यह सम्मान पाने वाले पहले पुरुष, जबकि मनिका बत्रा के बाद कुल दूसरे टेबल टेनिस खिलाड़ी होंगे। अचंता शरथ कमल के साथ पत्रिका की खास बातचीत…
प्र. खेल रत्न आपके लिए कितना मायने रखता है?
उ. इस पुरस्कार को पाना हर खिलाड़ी का सपना होता है। यह मेरे लिए ही नहीं बल्कि टेबल टेनिस के लिए भी काफी गर्व की बात है कि मुझे यह अवॉर्ड मिलने जा रहा है। जिस देश में कई ऐसे खेल हैं, जिसमें हमने ओलंपिक में पदक जीते हैं, उनके बीच ऐसे खेल को यह अवॉर्ड मिलना, जिसने कभी ओलंपिक पदक नहीं जीता, बहुत बड़ी बात है।
प्र. कभी आपने सोचा था कि आपको यह अवॉर्ड मिलेगा?
उ. मैं सोचता था कि कभी ना कभी तो मुझे यह अवॉर्ड मिलना चाहिए। इतने सालों से मैं खेल रहा हूं तो आपको उम्मीद तो रहती है। मैं हमेशा सोचता था कि देश में टेबल टेनिस को उस मुकाम पर ले जाना है, जहां इस खेल और खिलाड़ी को पहचान और उचित सम्मान मिले। इसके अलावा, समय भी अच्छा था क्योंकि हाल ही में बर्मिंघम कॉमनवेल्थ खेलों में मेरा प्रदर्शन अच्छा रहा और मैंने चार पदक जीते।
प्र. आपने कॉमनवेल्थ गेम्स में कई पदक जीते, लेकिन ओलंपिक पदक क्यों दूर है?
उ. ओलंपिक में पदक जीतना मेरा सबसे बड़ा सपना है और यही मेरा लक्ष्य है। कॉमनवेल्थ गेम्स और ओलंपिक के स्तर में काफी बड़ा अंतर है। मैंने 2024 ओलंपिक के लिए अभी से तैयारी शुरू कर दी है। अभी मेरी नजर 2023 में होने वाले एशियन गेम्स में पदक जीतने पर है।
प्र. ओलंपिक को लेकर आप कोई खास तैयारी करेंगे?
उ. ओलंपिक के लिए मैंने तैयारियां करनी शुरू कर दी हैं। मैं इसके लिए कुछ समय यूरोप में भी ट्रेनिंग करने के लिए जाऊंगा। वहीं, यूरोप और एशिया में कई टूर्नामेंट भी खेलूंगा। आपको ना सिर्फ तकनीकी तौर पर बल्कि मानसिक तौर पर भी काफी मजबूत होने की जरूरत होती है।
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