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उज्जैन में बोले राहुल गांधी : तपस्वियों का हो रहा अपमान, मोदी भक्तों की भरी जा रही जेब

उज्जैन. तपस्वी भगवान शिव की नगरी में कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने तपस्या और तपस्वियों को अलग अंदाज में परिभाषित किया। उन्होंने किसान, युवा और छोटे व्यापारियों को तपस्वी बताते हुए सरकार और भाजपा पर निशाना साधा। राहुल ने कहा, देश के तपस्वियों को तप का फल नहीं मिल रहा, उनका अपमान हो रहा है। उन्होंने भारत जोड़ो यात्रा को चार-पांच बार किसान, युवा के तप से छोटा बताया।
कांग्रेस पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने मंगलवार को मप्र में पहली आमसभा सामाजिक न्याय परिसर में ली। 50 हजार से अधिक लोगों के बीच राहुल ने 25 मिनट के भाषण में पूरे समय तपस्या को किसान, युवा और छोटे व्यापारियों से जोड़कर बड़े वर्ग को प्रभावित करने का प्रयास किया। राहुल बोले, हम भगवान शिव को पूजते हैं क्योंकि वे तपस्वी हैं। सभी देवता तपस्वी थे। भारतीय संस्कृति में तपस्वियों को पूजा जाता है। भगवानों का तप तो अतुलनीय है लेकिन और लोग भी तपस्या करते हैं। यात्रा तो कुछ नहीं है, बड़ी तपस्या उन मजदूरों की है, जो कोरोना काल में पैदल मुंबई, बेंगलूरु आदि क्षेत्रों से देश में एक से दूसरे कोने तक गए। देश के किसान, युवा, मजदूर, छोटे व्यापारी-व्यवसायी, मीडियाकर्मी तपस्वी हैं। भाजपाई भगवान के आगे हाथ जोड़ते हैं लेकिन जो इस देश में तपस्या करता है, उन्हें खत्म करते हैं, मतलब भगवान का अपमान करते हैं। आमसभा के बाद राहुल आगर रोड स्थित गुरु सांदीपनि कॉलेज पहुंचे। गुरुवार को यात्रा यहीं रुकेगी।
कांग्रेस नहीं हिंदुस्तान की यात्रा है
राहुल ने कहा, मेरा सवाल है, हिंदू धर्म कहता है, तपस्वियों की पूजा होना चाहिए तो इस देश में ऐसा क्यों नहीं हो रहा। जो तपस्या कर रहा है, उसे सरकार कुछ नहीं देती और जो नरेंद्र मोदी की पूजा कर रहा है उसे सबकुछ दे देती है। दो-चार लोग नरेंद्र मोदी की दिनभर पूजा करते हैं। उन्हें रेलवे, पोर्ट, एयरपोर्ट सबकुछ मिल जाता है। आज भी शाम के 8 बजते ही धड़कन बढ़ जाती है क्योंकि मोदी जी ने नोटबंदी की थी। 12 बजे जीएसटी लागू की थी। यह पॉलिसी नहीं थी लेकिन तपस्वियों से चोरी की। नोटबंदी-जीएसटी से आपनेे रीढ़ की हड्डी तोड़ दी। अब फिर से इसे जोडऩा पड़ेगा। हम दो हजार किलोमीटर चले, बड़ी बात नहीं है। चेहरे पर थकान नहीं दिखेगी क्योंकि देश के तपस्वी बात समझ रहे हैं। तपस्वियों का अपमान हो रहा है। वे इस यात्रा को मदद कर रहे हैं। यह कांग्रेस की नहीं हिंदुस्तान की यात्रा है।
किसके लिए क्या बोले राहुल
किसान-
किसान के हाथ फटे होते हैं उसका दर्द उसके हाथ में होता है। उसकी तपस्या के निशान उसके हाथों में होते हैं। यात्रा में हजारों किसानों ने हाथ मिलाया। हर किसान यही पूछ रहा है कि हमें तपस्या का फल क्यों नहीं मिलता। पेट्रोल 60 से107 रुपए हो गया। हम तपस्वियों का सारा पैसा मोदी की पूजा करने तीन चार लोगों के हवाले क्यों किया जाता है।
युवा-
यात्रा में रोज युवाओं से मिलता हूूं। उन्होंने भी तपस्या की है, पढ़ाई की है, स्कूल गए, बदमाशी की तो मार भी खाई, परीक्षा देते हैं। तपस्या के बाद पता लगता है कि व्यापमं घोटाला हो गया। तपस्वियों से सरकार ने चोरी कर ली, भविष्य खत्म कर दिया। आज बच्चों ने कहा, डिग्री ली है, इंजीनियर बनना चाहते हैं। तपस्या का फल नहीं मिलता, मजदूरी करना पड़ती है। आजकल तो पकौड़े भी नहीं तला रहे हैं।
छोटे दुकानदार
छोटा व्यापारी सुबह से काम पर लगता है। दो-तीन कर्मचारी भी रोजगार देता है। दिनभर काम करता है। उसके पास ज्यादा पैसा नहीं होता। यदि बड़े उद्योगपतियों का कैश फ्लो एक साल भी रुके तो उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ता। छोटे व्यापारी का एक महीने केश फ्लो रोका तो समझो गला पकड़ लिया, दो महीने रोका तो मार दिया। यह मोदी के भक्तों के इशारे पर हो रहा है।



Source: Education