स्कूलों में निवास प्रमाण पत्र बनाने के सपने दिखाए, प्रक्रिया शुरू होने का अता-पता नहीं
अलवर. शिक्षा विभाग की ओर से स्कूलों में निवास प्रमाण पत्र बनने का इंतजार है। स्कूल में ही निवास प्रमाण पत्र बनने से अभिभावकों को सरकारी कार्यालयों के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे। शिक्षा निदेशक ने इस आशय के आदेश तो जारी कर दिए लेकिन इसे स्कूल स्तर पर अभी क्रियान्वित नहीं किया गया है।
प्रारिम्भक शिक्षा निदेशालय ने यह आदेश जारी किए कि विद्यार्थियों के मूल निवास बनाने के आवेदन ई- मित्र केंद्रों की बजाए उनके विद्यालयों से भरे जाएं। सक्षम अधिकारी की ओर से जारी होने के
बाद मूल निवास प्रमाण पत्र स्कूल से ही वितरित किए जाने हैंं। यह आदेश राज्य के राजकीय व निजी विद्यालयों में पांचवी से आठवीं के विद्यार्थियों के मूल निवास प्रमाण-पत्र के लिए आवेदन संस्था प्रधान भरवाकर उनके ये प्रमाण-पत्र बनवाएंगे।
संस्था प्रधान पर भारी जिम्मेदारी
मूल निवास प्रमाण पत्र बनवाने के लिए सभी कॉलम सही भरवाने की जिम्मेवारी संस्था प्रधानों को दे दी है। संस्था प्रधान इस फाइल को उपखंड अधिकारी कार्यालय में भिजवाएंगे। जहां से यह प्रमाण पत्र बनकर आएगा। सक्षम अधिकारी जांच करने के बाद अधिकतम दो माह की अवधि में प्रमाण पत्र जारी कर सकेंगे। आवेदन निरस्त होने की जानकारी कमी या कारण से अवगत कराते हुए संस्था प्रधान को दी जाएगी। इस कमी को बच्चों से जानकारी लेने के बाद पूरा किया जाएगा, जिससे तय समयावधि में प्रमाण पत्र बन सकेगा। मूल निवास प्रमाण पत्र जारी करने के बाद इसकी एक प्रति स्कूल में भी सुरक्षित रखी जाएगी।
अभी तक प्रक्रिया शुरू नहीं : प्रदेश के अधिकतर जिलों के स्कूलों में संस्था प्रधानों ने मूल निवास प्रमाण बनवाने की प्रक्रिया शुरू नहीं की है। संस्था प्रधानों का कहना है कि इस प्रक्रिया में समय अधिक लगेगा, जिसमें कई जिम्मेवारी भी हम पर आ जाती है। ऐसे में हमारा ध्यान अभी निवास प्रमाण पत्र बनवाने की बजाए अद्र्धवार्षिक परीक्षाओं की ओर है।
प्रोसिजर अपनाने के बाद बनेंगे
&यह सही है कि स्कूलों में मूल निवास प्रमाण पत्र बनाए जाने हैं। जिसके आदेश भी आ गए हैं। ये किस तरह क्रियान्वित किया जाए, जिसको लेकर प्रोसिजर अपनाना है। हम जल्दी ही इस पर कार्रवाई शुरू कर देंगे।
– नेकी राम, जिला शिक्षा अधिकारी, अलवर। ं
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