प्रदेश की पहली कार्बन न्यूटल इवेंट, 15 से 20 हजार टन कार्बन उत्सर्जन के लिए लेना होंगे कार्बन क्रेडिट
सिटी रिपोर्टर। देश के सबसे स्वच्छ शहर इंदौर ने दोनों आयोजनों को एक अलग पहचान देने के लिए कार्बन न्यूटल इवेंट बनाने का निर्णय लिया है। इस नवाचारी प्रयोग से प्रतिभागियों को क्लाइमेंट चेंज और संसाधनों का न्यूनतम उपयोग और अधिकतम पुर्नउपयोग जैसे विषयों के प्रति जागरूक करना है।
जानकारी के अनुसार संपूर्ण इवेंट में होने वाली गतिविधियों से करीब 15 से 20 हजार टन ग्रीन हाउस गैसेस यानी कार्बन उत्सर्जन होने का अनुमान है। इसे न्यूटल करने के लिए आयोजन को इको फ्रेंडली बनाया जा रहा है। कार्बन न्यूटल प्लान एनकिंग के मनीष डबकरा ने तैयार किया है। यह हमारी गो ग्रीन की संकल्पना को साकार करेगा। निगमायुक्त प्रतिभा पाल के अनुसार इंदौर से यह प्रयोग एक नया संदेश देगा। प्रतिभागियों को उत्सर्जन में कमी के लिए प्रेरित करेगा।
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उत्सर्जन का गणित
प्रति व्यक्ति उत्सर्जन – इवेंट में प्रति व्यक्ति 500 किलो से 2000 किलो कार्बन उत्सर्जित होगा
इवेंट में प्रतिभागी – दोनों इवेंट 5 दिन होंगे और 4 हजार प्रतिभागी आएंगे
संपूर्ण आयोजन में – 1.5 करोड़ से 2 करोड़ किलो कार्बन या ग्रीन हाउस गैसेस होगी उत्सर्जित
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यह होगा फायदा
– 5 दिन के दोनों इवेंट में आयोजित गतिविधियों से 15 से 20 प्रतिशत कार्बन उत्सर्जन में कम होगा
– जीरो कार्बन उत्सर्जन इंवेंट का आयोजन से प्रतिभागियों के बीच क्लाईमेंट चेंज और ग्लोबल वार्मिंग जैसी चुनौतियों से निपटने के लिए सोच विकसित करने के लिए संदेश प्रसारित होगा।
– प्राकृतिक संसाधनों की बचत के प्रयोगों को प्रमोशन मिलेगा
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इस तरह होगी इवेंट कार्बन न्यूटल
प्रवासी भारतीय दिवस और ग्लोबल समिट के आयोजन को कार्बन न्यूट्रल करने के लिए एक प्लान तैयार किया है। इसमें इको फ्रेंडली गतिविधियों की जा रही है। जिससे कार्बन उत्सर्जन में कमी होगी। दूसरा कुछ ऐसी गतिविधियां होंगी, जिनमें कार्बन उत्सर्जन होगा। अंतरर्राष्ट्रीय मानकों के अनुरूप गणना करके संपूर्ण आयोजन में हुए कार्बन उत्सर्जन को बेलेंस करना होगा। इसके लिए आयोजक सरकार कार्बन क्रेडिट व बचत गतिविधियों का उपयोग करेगी और इवेंट को कार्बन न्यूटल बनाएगी।
इको फ्रेंडली प्रयोग
आयोजकों द्वारा कुछ इको फ्रेंडली गतिविधियां प्लान की गई है। जिनमें सोलर एनर्जी, ग्रीन फ्युल लोक परिवहन, क्यूआर कोड आधारित सामग्री सहित अनेक प्रयोग कर रहे हैं। जैसे
– आयोजन स्थल पर सोलर एनर्जी आधारित प्रयोग।
– जीरो वेस्ट इवेंट यानी संपूर्ण आयोजन में कचरे का उत्पादन जीरो होगा। इसका पुर्नपयोग किया जाएगा।
– सिंगल यूज प्लास्टिक का उपयोग नहीं करेंगे। गिफ्ट आयटम्स, लोकल सोर्स और इको फ्रेंडली मटेरियल का उपयोग किया जाएगा।
– प्रचार प्रसार सामग्री डिजिटल बनाएंगे, क्यू आर कोड आधारित रहेगी। इससे पेपर का उपयोग और प्रिटिंग आदि से उत्सर्जित होने वाली कार्बन में कमी आएगी। साथ ही बैनर आदि भी इको फ्रेडली मटेरियल के रहेंगे।
– आवाजाही के लिए लोक परिवहन इलेक्टि्रक व सीएनजी बसें आदि उपयोग किए जाएंगे।
इनसे जनरेट उत्सर्जन
कुछ गतिविधियां ऐसी होगी, जिनसे कार्बन उत्सर्जन होगा। जैसे बिजली का उपयोग। प्रतिभागियों की आवाजाही व अन्य उर्जा आधारित गतिविधियां। संपूर्ण आयोजन में तीन से चार हजार लोग प्रतिदिन रहेंगे। इनकी व्यवस्थाओं व आवाजाही में खर्च कार्बन उत्सर्जन की गणना करने पर 15 से 20 हजार टन कार्बन उत्सर्जित होने का अनुमान है। जिसे न्यूटल करना होगा।
Source: Education