सफला एकादशीः साल की आखिरी एकादशी पर जरूर करें यह काम, इन कामों से रहें दूर
Saphala Ekadashi Vrat: आज साल 2022 की आखिरी एकादशी है। पौष माह कृष्ण पक्ष की इस एकादशी को सफला एकादशी के नाम से जाना जाता है। इस एकादशी पर भगवान विष्णु की विधि विधान से पूजा की जाती है। पूजा-पाठ व्रत के साथ पुरोहितों से बातचीत पर हम कुछ काम बता रहे हैं जो जरूर करने चाहिए। इनसे विशेष फल की प्राप्ति होती है और बंद भाग्य का ताला खुल जाता है। लेकिन कुछ कामों से दूर रहना चाहिए जिससे कोई संकट न आए।
सफला एकादशी के नियम (Saphala Ekadashi Niyam): पुरोहितों का कहना है कि वैसे तो एकादशी का व्रत हर व्यक्ति को रखना चाहिए। इससे उसका मन स्वच्छ होता है और उसके सभी पापों का नाश हो जाता है। लेकिन जो व्यक्ति व्रत नहीं रखते, वो भी यह काम कर सकते हैं, जो बिल्कुल आसान है।
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1. एकादशी के दिन चावल खाने से परहेज करें।
2. एकादशी के दिन बिस्तर पर सोने से परहेज करें।
3. मांस, मदिरा, लहसुन, प्याज जैसी वस्तुओं का सेवन न करें।
4. किसी पेड़ पौधे की पत्ती न तोड़ें।
5. एकादशी के दिन किसी से विवाद नहीं करना चाहिए। इससे भगवान विष्णु नाराज होते हैं, पारिवारिक समस्याएं होने लगती हैं।
6. झाड़ू के इस्तेमाल से बचें, इससे छोटे जीवों के नुकसान का भय रखता है।
7. इस दिन बाल नाखून नहीं काटना चाहिए। माना जाता है इससे धन हानि हो सकती है। ग्रह दोष की भी आशंका रहती है।
8. जो लोग व्रत रख रहे हैं उन्हें एकादशी तिथि संपन्न होने से पहले व्रत का पारण नहीं करना चाहिए।
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यह करें
1. जो लोग व्रत रख रहे हैं उन्हें रात्रि जागरण करते हुए हरि कीर्तन करना चाहिए।
2. एकादशी के दिन गहरे रंग के कपड़ों की जगह पीले, केसरिया, नारंगी और हल्के रंग के कपड़े पहनना चाहिए।
3. गोशाला में हरी घास और धन का दान करें।
4. किसी असहाय को जरूरत की चीज दान करें, सर्दी का मौसम होने से गर्म कपड़े, जूता-चप्पल, अनाज दान करें।
5. मंदिर में पूजन सामग्री दान करें, भोग में पीले रंग की फल मिठाई का प्रयोग करें।
सफला एकादशी शुभ मुहूर्तः पंचांग के अनुसार पौष माह की कृष्ण पक्ष की एकादशी 19 दिसंबर सुबह 3 बजकर 32 मिनट से शुरू हो रही है, 20 दिसंबर को सुबह 2 बजकर 32 मिनट तक रहेगी। उदयातिथि के हिसाब से सफला एकादशी 19 दिसंबर को है। इसका पारण 20 दिसंबर को सुबह 8 बजकर 05 मिनट से सुबह 9 बजकर 13 मिनट के बीच करना चाहिए।
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महात्म्यः धार्मिक ग्रंथों में बताया गया है कि इस तिथि पर व्रत रखने से कई अश्वमेध यज्ञों के बराबर पुण्य फल मिलता है। इसके अलावा पाप दोष से मुक्ति मिलती है। व्यक्ति को मोक्ष की प्राप्ति होती है। इसके अलावा इस एकादशी के व्रत पूजन से हर क्षेत्र में तरक्की मिलती है। व्यक्ति निरोगी बनता है और लंबी उम्र प्राप्त होती है। इस व्रत से भगवान विष्णु के साथ माता लक्ष्मी की भी कृपा प्राप्त होती है।
Source: Religion and Spirituality